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Lunar Eclipse 2021: साल का पहला चंद्र ग्रहण कब लगेगा? जानिए ग्रहण से जुड़े इन जरूरी सवालों के जवाब

Lunar Eclipse May 2021: बुद्ध पूर्णिमा के दिन अनुराधा नक्षत्र में लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण, पढ़ें ग्रहण से जुड़ी ये 5 खास बातें

by Sneha Shukla

वर्ष 2021 का पहला चंद्र ग्रहण 26 मई को लगने जा रहा है। इस दिन वैशाख और बुद्ध पूर्णिमा है। साल का पहला चंद्र ग्रहण उपचया ग्रहण होने के कारण सूतक अवधि प्रभावी नहीं होगी। यह अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर के कुछ क्षेत्रों में देखा जा सकता है। हालांकि भारत में चंद्र ग्रहण उपचया की तरह ही ऑनलाइन है। ग्रहण काल ​​के दौरान सूतक अवधि मान न होने के कारण देश के मंदिरों के कपाट बंद नहीं किए जाएंगे। इसके साथ ही शुभ कार्यों पर भी रोक नहीं होगी।

1. वर्ष 2021 का पहला चंद्र ग्रहण कब होगा?

चंद्र ग्रहण 26 मई को दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से शुरू होगा और शाम 07 बजकर 19 मिनट पर खत्म होगा। ग्रहण का प्रभाव सबसे ज्यादा वृश्चिक राशि वालों पर होगा। दरअसल यह चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में लगने जा रहा है। जिसके कारण वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र वालों को हर काम करते समय सावधानी बरतना जरूरी होगा।

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2. उपचया चंद्र ग्रहण क्या होता है?

चंद्रमा पर सूर्य का प्रकाश कुछ कटा हुआ पहुंचता है। जिसके कारण उपचया चंद्र ग्रहण की स्थिति में चंद्रमा की सतह कुछ धुंधली सी दिखाई देने लगती है। इसे उपचया चंद्र ग्रहण कहते हैं।

3. अनुराधा नक्षत्र का महत्व-

अनुराधा नक्षत्र का संबंध देवी राधा से माना जाता है। 27 नक्षत्रों में से अनुराधा नक्षत्र 17 वें नंबर पर आता है। यह नक्षत्र का स्वामी शनि हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस नक्षत्र में पैदा हुए जातकों पर मंगल प्रभावी होता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक आमतौर पर जन्मदिन और लगनशील होते हैं।

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4. वर्ष का दूसरा चन्द्र ग्रहण कब लगेगा?

वर्ष 2021 का दूसरा चंद्र ग्रहण 19 नवंबर को लगेगा। यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। इसे भारत, अमेरिका, उत्तरी यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर में देखा जा सकता है। यह भारत में अरुणाचल और असम के कुछ भागों में चंद्रोदय के समय पर पड़ेगा।

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5. ई के दौरान क्या करें और क्या नहीं-

1. मान्यता है कि ग्रहण के दौरान तेल लगाना, जल पीना, बाल बनाना, कपड़े धोना और रस्सी खोलना जैसे कार्य नहीं करना चाहिए।
2. कहा जाता है कि ग्रहण काल ​​में भोजन करने वाले मनुष्य जितने अन्न के दाने खाते है, उसे उतने वर्षों तक नरक में वास करना पड़ता है।
3. मान्यता है कि ग्रहण काल ​​में सोने से व्यक्ति रोगी होता है।
4. चंद्र ग्रहण में तीन प्रहर का भोजन करना वर्जित माना जाता है।
5. ग्रहण के दिन पत्ते, तिनके, लकड़ी और फूल आदि को नहीं तोड़ना चाहिए।
6. ग्रहण काल ​​में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
7. ग्रहण शुरू होने से पहले खुद को शुद्ध कर लें। ग्रहण शुरू होने से पहले स्नान आदि कर लेना शुभ माना जाता है।
8. ग्रहण काल ​​में अपने पति देव या देवी की पूजा अर्चना करना शुभ होता है।
9. चंद्र ग्रहण में दान करना बेहद शुभ माना जाता है। ग्रहण समाप्त होने के बाद घर में गंगा जल का छिड़काव करना चाहिए।
10. ग्रहण खत्म होने के बाद एक बार फिर स्नान करना चाहिए। कहते हैं कि इस शुभ फल की प्राप्ति होती है।
11. ग्रहण काल ​​के दौरान खाने-पीने की चीजों में तुलसी का पत्ता डालना चाहिए।

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