यदि आप Teaching field से संबंध रखते हैं, तो आपने Micro Teaching Skills के बारे में जरूर सुना होगा। आज के समय किसी भी टीचर को एक बेहतर टीचर बनाने के लिए Micro Teaching Skills की जानकारी होना आवश्यक है।
यदि आप यह जानना चाहते हैं कि Micro Teaching Skills kya hoti hai, तो हम आपको Micro Teaching Skills in Hindi के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करेंगे।
साथ ही आप हिंदी में यह सही ढंग से जान पाएंगे कि Micro Teaching Skills kya hai, इसकी आवश्यकता क्या है इसकी खोज कब हुई, इसकी खोज किसने करी, और इसके उपयोग क्या है। तो चली शुरू करते हैं और Micro Teaching Skills in Hindi के बारे में सारी जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करते हैं-
Micro Teaching Skills क्या होती है? | Micro Teaching Skills in Hindi
Micro Teaching Skills एक ऐसी टेक्नोलॉजी होती है जिसके अंतर्गत किसी भी Teaching faculty को या Teacher को और अधिक Advance तौर पर तैयार किया जाता है, ताकि वह अपने विद्यार्थियों के साथ सही से communicate कर सकें, उन्हें सही शिक्षा सही ढंग से प्रदान कर सकें, और शरारती बच्चों के साथ या शरारती क्लास रूम में विभिन्न प्रकार के Experimental Technique का इस्तेमाल करते हुए वे बच्चों को सही ढंग से पढ़ाने का काम कर सके।
इसके लिए Teachers को एक Online Recording Teaching Session के अंतर्गत Constructive Feedback के द्वारा Micro Teaching Skill से सिखाई जाती है।
Micro Teaching Skills की जानकारी प्राप्त करने के पश्चात एक टीचर यह जान पाता है कि उन्हें किस प्रकार अपने शैक्षिक गतिविधियों में परिवर्तन करके बच्चों के साथ सही से कम्युनिकेट करना है, और किस प्रकार एजुकेशन को डेवलप करने के लिए उस टीचर को अपने आप को डेवलप करना आवश्यक है।
Micro Teaching की Original Process
Micro Teaching की ओरिजिनल प्रोसेस के अंतर्गत किसी भी टीचर को आमतौर पर एक लेसन तैयार करके आना होता है, जिसे वे एक छोटे ग्रुप के अंतर्गत सिखाने का काम करते हैं। वह छोटा group बच्चों का नहीं होता है, बल्कि ऐसे बड़े शिक्षित लोगों का होता हैजो उसे शिक्षक को बेहतरीन शिक्षक बनने में मदद करते हैं।
जब वह शिक्षक अपने तैयार किए गए किसी पाठ को उस ग्रुप के बीच में पढ़ाने की कोशिश करता है और उन ग्रुप के लोगों के सवालों के जवाब भी देता है तो उसे सारी प्रक्रिया को एक वीडियो रिकॉर्डिंग के अंतर्गत रिकॉर्ड कर लिया जाता है।
जिसके पश्चात जो टीचर्स के भी टीचर होते हैं, वह वीडियो क्लिप को देखकर यह बताते हैं कि उनके Teaching स्कूल में कहां पर कमी है, उन्हें कहां पर सुधार की आवश्यकता है, और किस प्रकार से उन्हें अपने शैक्षणिक गतिविधि को इंप्रूव करने की आवश्यकता है।
यह किसी भी व्यक्ति के पढ़ाने की कला को रिव्यू करने और उसका फंडामेंटली कंस्ट्रक्टिव फीडबैक देने की प्रोसेस को Micro Teaching कहा जाता है। इसमें किसी भी टीचर के Teaching टेक्निक की बारीकियों को सही ढंग से पढ़ा जाता है, और उनमें सुधार करने के लिए टीचर को फीडबैक प्रदान किया जाता है ताकि एक शिक्षक बेहतर शिक्षक बन सके।
Micro Teaching का आविष्कार कब हुआ?
Micro Teaching का आविष्कार सन 1963 में इनके द्वारा किया गया, जो कि स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी शिक्षक थे और उन्होंने उस समय Micro Teaching के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में ऐसे महानतम शिक्षक डिवेलप किए हैं, जिन्होंने मानव समाज के सुधार में कई बड़े योगदान किए हैं।
Micro Teaching के फायदे
जैसा कि हमने आपको बताया है कि MicroTeaching एक ऐसी टेक्निक होती है जिसके द्वारा किसी भी शिक्षक को बेहतर शिक्षक बनाने में मदद मिल पाती है। यह Micro Teaching का सबसे बड़ा फायदा होता है। लेकिन MicroTeaching के और भी कई फायदे होते हैं जो हमने आपको नीचे बिंदुओं के रूप में बताएं है-
- Micro Teaching के द्वारा टीचर्स में Teaching Skills को इंप्रूव किया जा सकता है।
- शरारती बच्चों से भरे क्लास रूम में के लिए एक्सपीरियंस टीचर बनाया जा सकता है।
- Micro Teaching के द्वारा टीचर्स अपनी शैक्षणिक कमियां दूर कर सकते हैं।
- Micro Teaching के द्वारा टीचर बनाया जा सकता है और कोई भी टीचर आसानी से स्टूडेंट के किसी भी प्रकार के व्यवहार को समझ सकता है।
- Micro Teaching के द्वारा इफेक्टिव Teaching Skills डेवलप की जा सकती है।
यह सभी Micro-Teaching Skills के फायदे है। जो भी शिक्षक Micro Teaching के द्वारा अपने Teaching Skills में डेवलपमेंट करता है, वह अपने आपको क्लास रूम में अधिक समर्थ शिक्षक के तौर पर देख सकता है।
निष्कर्ष
आज के लिए हमने आपको बताया कि Micro Teaching Skills in Hindi क्या है, और Micro Teaching Skills के uses क्या हो सकते हैं, इन सब के बारे में हमने आपको विस्तार से जानकारी दी है।
हम आशा करते हैं कि आज का लेख पढ़ने के बाद Micro Teaching का मतलब जानने के लिए आपको अन्य किसी लेख को पढ़ने की आवश्यकता नहीं होगी।
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