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Gathbandhan Sarkar kise kahate hain

गठबंधन सरकार किसे कहते हैं ? | Gathbandhan Sarkar kise kahate hain

by Pritam Yadav

Gathbandhan Sarkar kise kahate hain :- अक्सर कई बार भारत में राजनीतिक उद्देश्य से सरकारों का गठबंधन किया जाता है। और इसके लिए कई राजनीतिक दल अपना सरकार बनाने के लिए सहयोग भी करती है।

परंतु भारत में कई लोग सरकार की इस रणनीति को नहीं जानते हैं और गठबंधन सरकार का मतलब नहीं समझ पाते। कई बार सरकारी नौकरियों की परीक्षा में भी गठबंधन सरकार से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।

इसलिए आज के इस लेख में हम बताएंगे, कि Gathbandhan Sarkar kise kahate hain और इसके क्या लाभ एवं हानि है? यदि आप भी गठबंधन सरकार के बारे में जानकारी पाना चाहते हैं तो इसलिए को पूरा पढ़ें।


गठबंधन सरकार किसे कहते हैं ? ( Gathbandhan Sarkar kise kahate hain )

गठबंधन सरकार को इंग्लिश में कोलिएसन गवर्नमेंट ( Collation Government) कहते हैं। और इंग्लिश का यह कोलिएशन शब्द लैटिन भाषा के “ कोएलईटीओ ” शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है – एक साथ आगे बढ़ना। इस प्रकार गठबंधन सरकार का अर्थ है – कई राजनीतिक पार्टियों का एकजुट होकर कार्य करना।

गठबंधन सरकार एक संसदीय सरकार का रूप है जो कई राजनीतिक दलों को मिलाकर बनता है। कई बार चुनाव के समय ऐसा होता है कि किसी एक पार्टी को बहुमत वोट नहीं मिल पाता है और ऐसे में दो या दो से अधिक पार्टी मिलकर वोट की बहुमत बढ़ाने के लिए गठबंधन करती है इसे ही हम गठबंधन सरकार करते हैं।

उदाहरण के लिए, मान लीजिए कांग्रेस पार्टी को किसी चुनाव में बहुमत वोट प्राप्त नहीं हुआ इसलिए वह नितीश कुमार की पार्टी जेडीयू ( JDU ) पार्टी के साथ मिलकर गठबंधन करेगी और इससे दोनों अलग-अलग पार्टी के वोट एक हो जाएंगे। इसे हम गठबंधन सरकार कहेंगे।


गठबंधन सरकार की विशेषताएं

गठबंधन सरकार की विशेषताएं निम्न है :-

  • किसी इनाम को पाने के लिए गठबंधन सरकार बनाई जाती है।
  • गठबंधन सरकार में कम से कम 2 भागीदारी राजनीतिक दल होते हैं।
  • गठबंधन सरकार स्थिर नहीं होती है। क्योंकि गठबंधन के समूह को भंग भी किया जा सकता है और नए गठबंधन भी बनाए जा सकते हैं।
  • गठबंधन सरकार केवल राजनीतिक समझौते के आधार पर बनाए जाते हैं।
  • राजनीतिक गठबंधन में सिद्धांतों एवं विचारधारा का कोई महत्व नहीं होता है। और व्यावहारिकता ही राजनीतिक गठबंधन की पहचान है।
  • गठबंधन सरकार न्यूनतम कार्यक्रम के आधार पर कार्य करती है जोकि गठबंधन में ले रहे प्रत्येक भागीदारी नेता के लिए लाभदायक नहीं होता।

राजनीतिक दलों द्वारा गठबंधन कब किया जाता है ?

भारत में गठबंधन चुनाव के पहले चुनाव के बाद किया जाता है। और अक्सर लोगों के द्वारा यह माना जाता है कि चुनाव के पहले किया गया गठबंधन अच्छा होता है क्योंकि इसमें सभी दल मतदाताओं को लुभाने के लिए एक बड़ा मंच बनाते हैं।

इसके विपरीत चुनाव के बाद किया गया गठबंधन इस उद्देश्य से किया जाता है कि उनकी राजनीतिक शक्ति बढ़ सके और वे सरकार चलाने में सक्षम हो सके।


गठबंधन कितने प्रकार से किए जाते हैं ?

गठबंधन तीन प्रकार से किए जाते हैं।

  1. संसदीय गठबंधन

जब किसी एक पार्टी के पास अपनी सरकार बनाने के लिए बहुमत नहीं होती है तो वह पार्टियां एक या एक से अधिक राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन कर लेती हैं इसे ही हम संसदीय गठबंधन कहते हैं।

  1. चुनावी गठबंधन

जब दो या दो से अधिक राजनीतिक दल किसी चुनाव में प्रत्याशियों के नाम वापस लेने के लिए सहमत होते हैं तो ऐसे समय में चुनावी गठबंधन किया जाता है। नाम वापस लेने के लिए इसलिए सहमत हो जाते हैं ताकि जिस क्षेत्र में उनके पार्टी की मजबूत स्थिति है वहां पर वह वोट ना करें।

  1. सरकार संबंधी गठबंधन

जब कई राजनीतिक दलों द्वारा राष्ट्रीय आपातकालीन स्थिति में सरकार बनाई जाती है तो इसे सरकार संबंधि गठबंधन कहते हैं। इस गठबंधन में वे पार्टियां जिन में मतभेद होता है वह भी राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए अपना मतभेद बुलाने के लिए तैयार रहती है या कठोर प्रयास करती है।


गठबंधन सरकार के गुण और अवगुण

ऊपर हमने Gathbandhan Sarkar kise kahate hain के बारे में जाना , अब हम गठबंधन सरकार के गुण और अवगुण के बारे में जानते है।

गठबंधन सरकार के कुछ गुण एवं अंगूर निम्नलिखित हैं :-

गुण :-

  • गठबंधन सरकार विभिन्न दलों की शिकायतों का निवारण करने एवं अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए एक चैनल के रूप में कार्य करती है।
  • भारत देश में कई तरह की संस्कृति और भाषाएं, जातियां, धर्म इत्यादियों का समूह है। इसका अर्थ है कि गठबंधन सरकार अधिक प्रतिनिधि वाली होती है और निर्वाचन क्षेत्र के लोकप्रिय राय को प्रदर्शित करती है।
  • गठबंधन सरकार में कई राजनीतिक दल शामिल होते हैं इसलिए सभी की विचारधाराएं भी अलग होती हैं, इसलिए इन विचारधाराओं के कारण सरकार को भी अलग-अलग तरह के सुझाव मिलते हैं और किसी एक सुझाव पर सहमति निश्चित की जाती है। और इसके द्वारा गठबंधन सरकार सर्वसम्मति आधारित राजनीति की ओर ले जाती है।

अवगुण

  • गठबंधन सरकार अस्थिर होती है जिसके कारण इनमें आपस में मतभेद भी हो जाते हैं और यह इस कारण से गठबंधन सरकार गिर जाती है।
  • गठबंधन सरकार की समिति सुपर कैबिनेट के रूप में कार्य करती है जिसके कारण सरकारी तंत्र के कामकाज में कैबिनेट मंत्री की भूमिका और स्थिति कमजोर हो जाती है।
  • कई बार ऐसा होता है कि गठबंधन सरकार में शामिल ने छोटे नेता बड़े पद की भूमिका निभा सकते हैं इसलिए वे संसद में उनके पद से अधिक शक्ति की मांग करते है।

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निष्कर्ष :

आज के इस लेख में हमने आपको बताया, कि Gathbandhan Sarkar kise kahate hain ?

उम्मीद है, कि इस लेख के माध्यम से आपको गठबंधन सरकार से संबंधित अनेक जानकारियां मिल पाई होंगी।

यदि आपको आज का यह लेख जानकारी पूर्ण लगा हो, तो इसे अपने अन्य दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें। यदि इस लेख से संबंधित कोई प्रश्न पूछना हो तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में  कॉमेंट कर के पूछ सकते हैं।


FAQ :

प्रश्न1. भारत में गठबंधन की सरकार कब शुरू हुई ?

उत्तर - मई 1998 में राष्ट्र द्वारा गठबंधन की सरकार की शुरुआत की गई।

प्रश्न 2. गठबंधन से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर - गठबंधन का अर्थ है दो या दो से अधिक समूह द्वारा आपस में एकजुट हो जाना।

प्रश्न 3. गठबंधन सरकार कैसे बनती है ?

उत्तर - जब किसी एक राजनीतिक पार्टी बहुमत के साथ अपनी सरकार नहीं बना पाती है तो कई अन्य दलों के साथ मिलकर गठबंधन कर लेती है, इसे ही गठबंधन सरकार करते हैं।

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