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Tadbhav Shabd Kise Kahate Hain

तद्भव शब्द किसे कहते हैं ? | Tadbhav Shabd Kise Kahate Hain

by Pritam Yadav

Tadbhav Shabd Kise Kahate Hain :- आज हम जानने वाले है, की तद्भव शब्द किसे कहते है ?

तद्भव शब्द हिंदी व्याकरण के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। हो सकता है, कि आप तद्भव शब्द का नाम भी सुने होंगे, मगर क्या आपको इसके बारे में अधिक मालूम है ।

अगर आपका जवाब नहीं है, तो आप हमारे इस लेख के साथ अंत तक बने रहिए, क्योंकि इस लेख में हम तद्भव शब्द से जुड़ी जानकारी देने वाले है।


Tadbhav Shabd Kise Kahate Hain | तद्भव शब्द किसे कहते है ?

तद्भव शब्द उस शब्द को कहते हैं, जिन्हें संस्कृत भाषा से उठाकर के किसी अन्य भाषा में उपयोग कर लिया जाता है, तद्भव शब्द पूरे तरह से तत्सम शब्द की तरह ही होता है ।

तत्सम शब्द और तद्भव शब्द में बस फर्क इतना होता है, कि तत्सम शब्द में उन शब्दों को प्रयुक्त या किसी वाक्य मे उपयोग करने के बाद भी उनके अर्थ और उनका उच्चारण में कोई परिवर्तन नहीं होता है।

और तद्भव शब्द में उन शब्दों को प्रयुक्त या किसी वाक्य मे उपयोग करने के बाद भी उनके अर्थ और उनका उच्चारण में बहुत गंभीर परिवर्तन देखने को मिलता है।

संस्कृत भाषा से हिंदी भाषा के बहुत से शब्द संग्रह बने हुवे है और संस्कृत भाषा से वह विकसित हुए हैं, ऐसे में संस्कृत भाषा का दो प्रमुख उप शब्दों से मिलकर के तद्भव शब्द बना है।

तद्भव  शब्द का संधि विच्छेद करने पर दो शब्द बाहर आते है, जिस में से पहला है – तत् और दूसरा है – भव ।

तत् और भव शब्द के मिलाप से बना हुआ तद्भव शब्द ,  का अर्थ भी उसके विभाजित किये गए अंगों पर निकलता है। संस्कृत भाषा के अनुसार तत् शब्द का अर्थ होता है – ” उसके ” और भव शब्द का अर्थ होता है – ” उत्पन्न “ यानी कि पैदा।

हिंदी भाषा में तद्भव शब्द का महत्व भी तत्सम शब्द जितना ही होता है, क्योंकि अधिकतम शब्द हिंदी भाषा का संस्कृत भाषा से ही उठाया गया है और उन शब्दों में से तद्भव शब्द भी शामिल है ।


तद्भव शब्द की परिभाषा ? | Tadbhav Shabd Ki Paribhasha

भारत देश में बोले जाने वाली कई भाषाओं का जन्म संस्कृत भाषा से ही हुआ है, क्योंकि संस्कृत भारत का अत्यंत पुराना भाषा है और इसे हमारे पूर्वजों द्वारा बोला गया है।

संस्कृत में जो भी शब्द पहले बोले जाते थे, उनके ही आधार पर आगे  नई नई भाषाओं की उत्पत्ति हुई, और उन्हीं भाषाओं को हल्का Modified करके मतलब बदल कर के अगले भाषा में अलग-अलग रूप दिया गया।

मगर आज भी कई सारे ऐसे शब्द है, जो संस्कृत से सीधे उठा कर के अन्य भाषाओं में उपयोग किए जाते हैं।

बस उन शब्दों में फर्क इतना होता है, कि उनका उच्चारण करने का तरीका बदल जाता है और उनका अर्थ हल्का अलग निकलता है। तो उन्ही शब्दों को हम तद्भव शब्द कहते है।


तद्भव शब्द का उदाहरण

  1. मुख से मुंह
  2. भ्रात से भाई
  3. अज्ञान से अजान
  4. कर्म से काम
  5. दुग्ध से दूध
  6. ग्राम से गांव
  7. कर्ण से कान
  8. कुक्षि से कोख
  9. क्षीर से खीर
  10. कृष्ण से किसन
  11. किंपुनः से क्यों
  12. क्षार से खार
  13. क्षत्रिय से खत्री
  14. खनि से खान
  15. क्षेत्र से खेत
  16. कास से खाँसी
  17. खण्डगृह से खंडहर
  18. खर्पर से खप्पर
  19. स्तम्भ से खम्भा
  20. खर्जू से खुजली
  21. क्षेत्रित से खेती
  22. गलन से गलना
  23. ग्रीष्म से गर्मी
  24. गोमय/गोमल से गोबर
  25. कंदुक से गेंद

तद्भव  शब्द की पहचान

ऊपर हमने जाना, कि Tadbhav Shabd Kise Kahate Hain और तद्भव  शब्द का उदाहरण क्या होता है और तद्भव  शब्द का परिभाषा क्या होता है ? अब हम जानेंगे, कि तद्भव  शब्द की पहचान क्या होती है ?

(1) ‘ ख ‘ या ‘ छ ‘ शब्द का प्रयोग तद्भव शब्दों के पीछे  किया जाता है।

(2)  ‘ स ‘ का प्रयोग तद्भव शब्दों में किया जाता है।

(3)  तद्भव शब्दों में ‘ ब ‘ का प्रयोग होता है।

कुछ इस प्रकार से हम जान सकते है, कि कौन सा शब्द तत्सम है और कौन सा शब्द तद्भव है।


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अंतिम शब्द :-

उम्मीद करता हूं, कि आप को मेरा यह लेख बेहद पसंद आया होगा और आप इस लेख के मदद से Tadbhav Shabd Kise Kahate Hain के बारे में जानकारी प्राप्त कर चुके होंगे।

हमने इस लेख में सरल से सरल भाषा का उपयोग करके आपको तद्भव शब्द किसे कहते है, के बारे में बताया है।

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