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Diary Writing In Hindi

Diary Writing In Hindi – डायरी कैसे लिखे ?

by Pritam Yadav

Diary Writing In Hindi :- हमारे जीवन में कई सारी वस्तुओं की महत्वपूर्ण जगह है, उनमें से प्रमुख है – डायरी लिखना। ज्यादातर लोगों को डायरी लिखना बहुत पसंद होता है, पर जो व्यक्ति डायरी लिखना नहीं जानता है, उसके लिए यह कार्य करना थोड़ा कठिन हो जाता है।

परंतु आपको परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। हम इस लेख में आपको Dairy Format in Hindi के बारे में बताएँगे। इसी के साथ हम आपको  शेड्यूल, प्रकार तथा लिखने के तरीके भी बताएँगे।

वर्तमान समय में बहुत से कार्य ऐसे होते हैं, जो हम भूल जाते हैं परंतु डायरी एक ऐसी चीज है, जिसके माध्यम से उन कार्यों को करने में मदद मिलती है, आइए शुरू करते हैं, डायरी से संबंधित कुछ रोचक बातें।


Diary Writing In Hindi | Diary Lekhan In Hindi

यह एक प्रकार का संग्रह होता है, जिसके माध्यम से हम पुरानी बातों को या निजी विचारों को लिखते हैं। कुछ लोग इसका इस्तेमाल दिन के शेड्यूल के रूप में भी करते हैं।

इसमें सभी प्रकार के बिंदु शामिल कर सकते हैं। यदि हम Diary Format के बारे में बात करें, तो यह बड़ा ही सरल तथा समझने में आसान होना चाहिए अन्यथा बहुत से बिंदु हमें समझ नहीं आएँगे।

Diary Format In Hindi

1. तारीख :- इस बिंदु के अंतर्गत हम जिस तारीख में कार्य कर रहे हैं। उसे सबसे ऊपर लिखते हैं, तारीख को लिखते समय आप चाहे तो शॉर्ट फॉर्म का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

परंतु उसमें प्रत्येक दिन, महीने तथा वर्ष में Space होना चाहिए, चाहे तो आप महीने का पूरा नाम भी लिख सकते हैं। जैसे ही जून, जुलाई, अगस्त, सितंबर आदि।

2. समय :- जब आप दिनांक लिख देते हैं, तो उसी के नीचे जिस समय आप डायरी लिख रहे हैं। उसका समय लिख देते हैं, इससे आपको भविष्य में किए गए कार्य का दिनांक तथा समय याद रहता है। इस तरह से हम उस चीज को कभी नहीं भूल पाते हैं।

3. मुख्य सामग्री :- इस बिंदु के अंतर्गत जो भी आपको लिखना है। उसे स्पष्ट, सरल और समझने योग्य लिखते हैं, ताकि बाद में किसी प्रकार की परेशानी ना हो।

इसके अंतर्गत हम प्रत्येक बिंदु को छोटे रूप में लिखते हैं। यदि आप की डायरी दैनिक दिनचर्या को दर्शाती है, तो उसमें प्रत्येक बिंदु को छोटे रूप में लिखें।

यदि आप की डायरी आज के महत्वपूर्ण अनुभव या विचारों पर आधारित है, तो उसमें आप प्रत्येक बिंदु को विस्तार पूर्वक लिखेंगे।

4. हस्ताक्षर:- जब आप अपने विचारों तथा भावनाओं को लिखने के पश्चात पूर्ण कर लेते हैं, तो इसके नीचे अपने हस्ताक्षर करते हैं।

इससे यह पता चलता है, कि यह बिंदु आप ही ने लिखे हैं। अपना नाम लिखते समय आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए, कि यदि डायरी हिंदी में लिखे हैं, तो नाम भी हिंदी में लिखना होगा।

यदि आप पूरी डायरी अंग्रेजी में लिख रहे हैं, तो अपना नाम भी अंग्रेजी में लिखें। इससे आप की डायरी आकर्षित बनती है। सारे बिंदुओं को लिखने के पश्चात डायरी को व्यवस्थित रूप से रख दे।


Dairy लिखते समय ध्यान रखने योग्य बातें

  • जब आप डायरी लिखते हैं, तो आपको अपने मन को शांत रखना है।
  • इसमें उन्हें बिंदु को शामिल करना है, जो आपके साथ घटित हुआ है।
  • यदि आप दिनचर्या वाली डायरी लिखते हैं, तो इसमें प्रत्येक बिंदु को स्पष्ट तथा सरल लिखना चाहिए।
  • यदि इसमें आप विस्तार पूर्वक कोई भी विचार या भावनाओं को नहीं लिखना चाहते हैं, तो उन्हें एक शब्द या वाक्य में लिखना चाहिए।
  • Dairy लिखते समय आपकी भाषा सरल तथा व्यवहारिक होनी चाहिए।
  • इसमें आप सही जानकारी लिखेंगे।
  • यदि आपके साथ उस दिन कोई गलत घटना घटी है, तो उसे भी आप लिख सकते हैं।
  • डायरी लिखने का समय रात का सही माना जाता है, क्योंकि इस समय हम पूरे दिन भर के कार्य को आसानी से लिख सकते हैं।
  • प्रतिदिन अपनी डायरी को पढ़ना चाहिए।
  • यदि आप विद्यार्थी है, तो दिन भर के शेड्यूल का विषय तथा संबंधित प्रश्न लिखना चाहिए।

डायरी के लाभ | Uses Of Diary

  • वैसे तो डायरी के बहुत सारे लाभ है, क्योंकि इससे हमें बहुत सारी बातें याद रहती है, पुरानी घटनाओं को हम आसानी से याद कर सकते हैं।
  • यदि हमारी दैनिक डायरी है, तो इसमें कोई भी वस्तु या कार्य को नहीं भूल सकते हैं, डायरी में सभी प्रकार के बिंदु लिखे जाते हैं।
  • इसमें किसी भी घटना को याद करने का सही समय तथा सही तारीख पता चल जाती है।
  • यदि आपके साथ कोई गलत घटना हुई है और कोई व्यक्ति आप को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है, तो आप अपनी डायरी में तारीख़ तथा समय देखकर उसके बातों को अन देखा या उसको जवाब दे सकते हैं।

डायरी लेखन के कुछ उदाहरण | Some Example Of Diary Writing In Hindi

26 अप्रैल 2022

रात्रि 10:00 बजे

आज मैं पूरे दिन व्यस्त रहा अपना होम वर्क करके स्कूल के भाषण प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए भाषण तैयार करने लगा। मैंने भाषण का विषय शिक्षा का महत्व चुना हूं। इस विषय को चुनने का मन इसलिए बनाया था क्योंकि दिन प्रतिदिन शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है ताकि मेरे भाषण के माध्यम से स्कूल के सारे में विद्यार्थी जागरूक हो सके। जब मैं शाम को खेलने गया तो एक मेरा पुराना दोस्त मिला जिससे मैं करीब 6 साल पहले मिला था। उससे मिलकर कुछ पुरानी बातें किए तो उसने बताया कि हम दोनों ने मिलकर फुटबॉल में सामने वाली टीम को हरा दिए थे।

बंटी मिश्रा


डायरी के प्रकार | Types Of Diary In Hindi

ऊपर हमने आपको Diary Writing In Hindi के बारे में बताया, अब हम Diary के प्रकार के बारे में जानते है। डायरी को कार्य तथा दैनिक दिनचर्या के अनुसार मुख्य रूप से चार भागों में बांटा गया है, जो इस प्रकार है :-

1. व्यक्तिगत डायरी :- इसमें उन सारे बिंदुओं को लिखा जाता है, जो घटनाएँ डायरी लिखने वाले व्यक्ति से संबंधित होती है। इसमें दिन भर की जो भी भावनाएं विचार तथा घटनाएँ होती है। उनको लिखा जाता है, इसे केवल लिखने वाला व्यक्ति ही पढता है, इसीलिए इसे व्यक्तिगत डायरी कहा जाता है।

2. वास्तविक डायरी :- यह मुख्य रूप से वास्तविक विषयों के बारे में लिखा जाता है। इसमें उन सभी प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान दिया जाता है, जो वास्तविक रूप से घटित हुई है।

इसमें व्यक्तिगत तथा सार्वजनिक विषयों पर लिखा जाता है। इसके अंतर्गत उन सभी तथ्यों को शामिल किया जाता है। जिनका संबंध डायरी लिखने वाले व्यक्ति से प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से होता है।

3. काल्पनिक डायरी :- इस प्रकार के डायरी में हम उन घटनाओं तथा भावनाओं के बारे में सोचते हैं तथा वह वास्तविक नहीं होते हैं। ऐसे डायरी को काल्पनिक डायरी कहां जाता है।

4. साहित्यिक डायरी :- इसके अंतर्गत साहित्य से जुड़ी हुई वस्तुओं घटना तथा भावनाओं को लिखा जाता है। यह सार्वजनिक रूप से पढ़ा नहीं जा सकता है। इसमें केवल साहित्य से जुड़े हुए बिंदुओं पर ही लिखने का प्रावधान होता है।


डायरी लेखन कैसे करते हैं ? | Diary Lekhan In Hindi

यह बहुत ही आसान तरीका होता है, क्योंकि हम इसमें पूरे दिन की दिनचर्या तथा सभी घटित घटनाओं के बारे में लिख सकते हैं।

यह एक प्रकार का व्यक्तिगत दस्तावेज़ होता है। इसके अंतर्गत हम स्पष्ट भाषाओं में महत्वपूर्ण बिंदु लिखते हैं। इसके अंत में हम हस्ताक्षर कर देते हैं तथा शुरुआत में दिनांक तथा समय लिखते हैं। इस तरह से डायरी लिखना चाहिए।


डायरी कब लिखना चाहिए ?

यदि हम उम्र की बात करें, तो किसी भी उम्र में लिख सकते हैं परंतु यदि समय की बात की जाए, तो हमें डायरी केवल सोने से पहले लिखना चाहिए क्योंकि उस समय हमारा दिमाग काफी शांत होता है तथा दिन भर की घटनाओं को याद करने का अच्छा मौका मिल जाता है।


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Conclusion :-

आशा करता हूं, मेरे द्वारा दी गई जानकारी से आप संतुष्ट होंगे। इस लेख का उद्देश्य Diary Writing In Hindi के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान करना है।

ताकि जो भी व्यक्ति डायरी लिखना पसंद करता है, तो उपरोक्त दिए गए बिंदुओं के अनुसार अपने डायरी को लिख सकता है और उसे प्रतिदिन लिखने का तरीका पता चल जाता है।

यह लेख आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है, लगभग हमने सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं को इसके अंतर्गत लिख दिए हैं।

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