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Bijli Ka Avishkar Kisne Kiya

बिजली का आविष्कार किसने किया ?

by Pritam Yadav

Bijli Ka Avishkar Kisne Kiya :- धरती को रोशन करने के लिए एकमात्र स्रोत सूर्य है। इसी के प्रकाश से पूरी धरती पर रोशनी फैलती है परंतु जब पृथ्वी में अंधेरा हो जाता है, तब लोगों की समस्याएं बढ़ने लगती है परंतु इस समस्या का हल हमारे वैज्ञानिकों ने निकाल लिया है।

हम बिजली के माध्यम से अपने घरों को रोशन कर सकते हैं। आज हम इस लेख में आपको बिजली का आविष्कार किसने किया के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देंगे तथा हम इस लेख के माध्यम से आपको बिजली के जन्म दाता तथा उसके उपयोग के बारे में भी बताएँगे।

यह लेख आपके लिए अत्यंत लाभकारी साबित होगा, क्योंकि जैसे-जैसे हम आधुनिक दुनिया की ओर अग्रसर हो रहे हैं, वैसे वैसे हमें बिजली की और अधिक आवश्यकता पड़ने वाली है तो आइए शुरू करते हैं।


बिजली का आविष्कार किसने किया ? | Bijli Ka Avishkar Kisne Kiya

एक अनुमान तथा वैज्ञानिकों के मतों के आधार पर 600 BC में बिजली की खोज हो चुकी थी। वर्तमान समय में बिजली एक अपने आप में  विज्ञान का चमत्कार है।

बिजली की खोज यूनान के महान वैज्ञानिक तथा भौतिक विज्ञानी थेल्स ने की थी। इन्होंने 600 ईसा पूर्व बिजली की खोज कर ली थी।

हम बिजली के माध्यम से कई प्रकार के यंत्र जैसे टेलीफ़ोन, मोबाइल, रेडियो, बल्ब आदि मशीनों को चला सकते हैं।


बिजली का नाम Electricity कैसे पड़ा ?

जैसा कि हम सब जानते हैं, यूनान के प्रसिद्ध भौतिक वैज्ञानिक थेल्स ने बिजली की खोज की थी। वह यूनान के नागरिक थे, इसीलिए यूनानी भाषा में इसे इलेक्ट्रॉन कहां गया।

इसके बाद खेलने इसके गुणों के आधार पर इलेक्ट्रिसिटी नाम दिया। इस तरह से बिजली का अंग्रेजी में नाम Electricity पड़ा।


विद्युत बैटरी का आविष्कार किसने किया ?

ऊपर हमने आपको Bijli Ka Avishkar Kisne Kiya के बारे में बताया। अब हम जानते है, कि विद्युत बैटरी का आविष्कार किसने किया ?

संयुक्त राज्य अमेरिका के वैज्ञानिक तथा दार्शनिक बेंजामिन फ्रैंकलीन ने विद्युत बैटरी का आविष्कार किया। इन्होंने 1752 में इसको बनाया था।

जब 1752 में अपने खतरनाक परीक्षण में व्यस्त थे, तब उन्होंने आकाश में चमकती हुई बिजली का रूप अपने आविष्कार में देखा, तो उस दिन उड़ती हुई पतंग की डोर पर एक चाबी बाँधी , जिससे उस चाबी को छूने के लिए बिजली नीचे आने लगी थी। जिसे एक झटका महसूस होने लगा।

इसके बाद 1865 में फ्रांस के वैज्ञानिक ने एक गिली बैटरी बनाई। जिसकी सहायता से बिजली उत्पन्न की जा सकती थी। उन्होंने इसमें अमोनियम क्लोराइड के घोल में जस्ते और कार्बन की छड़ी डूबा कर, उन्हें आपस में तार से जोड़ दिया था।

जिससे बिजली का झटका महसूस हुआ था। इस तरह से समय क साथ-साथ बिजली तथा उससे संबंधित आविष्कार होते रहे।


सबसे पहले चुंबक से बिजली किसने बनाई ?

जैसा कि वैज्ञानिक बिजली की खोज के बाद निरंतर इस पर अध्ययन तथा अनुसंधान करते रहे। जिस वजह से कभी गीली बैटरी बनाई तो कभी सुखी बैटरी बनाई।

इसी के साथ कुछ वैज्ञानिकों ने रसायनों के माध्यम से भी बिजली का निर्माण किया।इसी तरह से एक अंग्रेजी वैज्ञानिक जिनका नाम ” माइकल फैराडे ” था, इन्होंने 1831 में चुंबक से बिजली बनाई थी।


भारत में बिजली सबसे पहले कब बनाई गई थी ?

भारत में सबसे पहली बार बिजली कोलकाता में बनाई गई थी। इसे 1880 में बनाया गया था।

इसके बाद 1895 में इलेक्ट्रिकल लाइटिंग एक्ट के साथ कोलकाता एंड कंपनी ने कोलकाता इलेक्ट्रिकल सप्लाई कारपोरेशन लिमिटेड को पंजीकृत किया।

इसके बाद 17 अप्रैल 1899 को कोलकाता इलेक्ट्रिक सप्लाई कारपोरेशन लिमिटेड का पहला थर्मल पावर प्लांट भारत में बनाया गया था।

भारत में पहली बार पानी से बिजली 1897 में दार्जिलिंग नगरपालिका के द्वारा बनाई गयी थी ।


बिजली किन-किन चीजों से बनाई जा सकती है ?

ऊपर हमने आपको Bijli Ka Avishkar Kisne Kiya के बारे में बताया। अब हम जानते है, कि बिजली किन-किन चीजों से बनाई जा सकती है ?

इसे कई तरह से बनाया जा सकता है परंतु इनके प्रमुख निम्नलिखित प्रकार है :-

हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्लांट:- जब वर्षा ऋतु में बारिश की वजह से नदी, नाले तथा तालाब भर जाते हैं,  तो वह छोटे-छोटे झरने का रूप धारण कर लेते है।

जब इंजनों के पास रखे टरबाइन घूमने लगता है, जिससे बिजली का निर्माण होता है। इस प्रक्रिया से बनी हुई बिजली को हाइड्रो इलेक्ट्रिक कहां जाता है, यह सबसे सस्ती तथा किसी भी प्रदूषण को पनपने नहीं देती है।

जब बड़े बांध जैसे भाखड़ा नागल बांध, इंदिरा गांधी बांध आदि जैसे महत्वपूर्ण बांध में पानी भर जाता है, तो इनके ढक्कन को खोल दिया जाता है, तब पानी के बहाव से निचे रखे टरबाइन घूमते है। जिससे बिजली उत्पन्न होती है।

थर्मल इलेक्ट्रिक पावर प्लांट:- ऊष्मा से भी बिजली बनाई जा सकती है। उसका उत्पन्न करने वाले मुख्य स्रोत जैसे सूर्य के माध्यम से बिजली बनाई जाती है।

इसी के साथ हम सबसे ज्यादा कोयला इस्तेमाल करते हैं, कोयले को जलाकर ऊष्मा उत्पन्न होती है, जिसका इस्तेमाल पानी गर्म करके भाप बनाने में किया जाता है और इस भाप के दबाव से टरबाइन को घुमाया जाता है। जितने रफ्तार से टरबाइन घूमेंगे, उतनी बिजली उत्पन्न होगी।

इसके लिए नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन पावर प्लांट स्थापित किया गया है। कुछ जगह गन्ने के छिलके तथा कृषि से प्राप्त पुआल आदि से भी बिजली उत्पन्न की जाती है।

डीजल पावर प्लांट:- जहां पर कोई भी कृषि के उत्पाद तथा अन्य विकल्प मौजूद नहीं होते हैं। वहां पर डीजल का उपयोग करके बिजली बनाई जाती है।

जैसे रेगिस्तान, युद्ध स्थल, सिनेमाघर, बड़े कारखाने, विवाह उत्सव आदि इनके लिए डीजल से चलने वाले इंजन का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें डीजल डालकर बिजली उत्पन्न की जाती है। जिसे हम विद्युत जेनरेटर भी कहते हैं। इस इंजन के माध्यम से सिंगल फेस तथा 3 फेस दोनों तरह की बिजली सप्लाई की जाती है।

न्यूक्लियर पावर प्लांट:- यह यूरेनियम पदार्थ से उत्पन्न होने वाली बिजली होती है। 1 किलो यूरेनियम से लगभग 2,700 क्विंटल कोयले से उत्पन्न बिजली के बराबर होती है।

इससे बहुत कम प्रदूषण होता है परंतु कोयले से अधिक प्रदूषण होता है। इसमें यूरेनियम को रिएक्टर में डाला जाता है, जिससे विखंडन होता है और  ऊष्मा उत्पन्न होती है। इसके बाद इस से बनी हुई भाव से टरबाइन घुमाई जाती है।

इस तरह से न्यूक्लियर पावर प्लांट से बिजली बनाई जाती है। भारत में तारापुर में स्थापित न्यूक्लियर पावर प्लांट है। यह ऊर्जा का सबसे अच्छा तरीका है परंतु यदि न्यूक्लियर पावर प्लांट में किसी तरह का लीकेज या असावधानी होने पर आसपास के क्षेत्र में रेडिएशन के फैलने का ख़तरा रहता है , जिससे कई प्रकार की बीमारी तथा लोगों की मृत्यु भी हो सकती है।


For More Info Watch This Video :-  Bijli Ka Avishkar Kisne Kiya

निष्कर्ष :-

आशा करता हूं, मेरे द्वारा दी गई जानकारी से संतुष्ट होंगे। इस लेख का उद्देश्य बिजली के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान करना है तथा इसके अंतर्गत आपको Bijli Ka Avishkar Kisne Kiya के बारे में भी बताना है।

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