शाख मास के शुक्लवैपक्षी को मोहिनी एकादशी हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु ने समुद्र मंथन के दौरान निकले अमृत को राक्षसों से बचाने के लिए मोहिनी रूप धारण किया था। इस प्रकार इस दिन श्रीहरि के मोहिनी फार्म की व्यवस्था का व्यवस्था है।
া बीचা্া া্া া্া্ি াা্া্ি া্াা া্াা ্া্ াা্ া্ া্ি া্া্ া ্ া ্ া্ া্ া্ ் ்்ி்்்ி்்்்்்்்்்்ி்்ி்்் व्यक्ति एक ்்ி்்ி்்ி்ி்ி்ி்ி்ி்ி். भक्त की सभी मनोवृत्तियों में होने वाले होने वाले हैं। इस साल मोहिनी एकादशी 23 मई को है। मोहिनी एकादशी का महत्व, व्रत से विशेष बातें-
मोहिनी एकादशी महत्व-
विष्णु के मोहनी स्वरुप की पूजा के पापों का अंत है। अंत में मोक्ष की होने की होने है।
चाणक्य: जिस व्यक्ति के लिए ये गुण हों, वे खुश हों और जीती हों
मोहिनी एकादशी 2021 शुभ मुहूर्त-
एकादशी की तारीख दिनांक: 22 मई 2021 को 09:15 बजे से
एकादशी तिथि समाप्त : 23 मई 2021 को 06:42 बजे बजे तक
पारणा मुहूर्त : 24 मई सुबह 05:26 बजे 08:10 बजे तक
इन 4 राशि
मोहिनी एकादशी पूजा विधि-
एक दिन के बाद सबसे पहले उठकर स्नैन के एक शुद्ध वस्त्र त्रत्रण से पहले सुबह उठें।
– बाद के घर में पूजा से पहले एक वेदी, धान, चना, जौ, चावल और अन्य।
– वेडि के लिए एक कलश की स्थापना करें और लॉन्च करें ️ अशोक️ अशोक️ लगाएं️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️
– अब वेदी पर विष्णु विष्णु की मूर्ति या तस्वीर।
-संपादक विष्णु को फूल, मौसम फल और तुलसी दल.
– धूप-दीप से विष्नु की आरती फिरें।
– शाम के समय विष्णु की आरती कीट के बाद फलाहार करें।
-रात के समय सोए हीं भजन-कीर्तन और जागरण करें।
– सुबह के समय ब्राह्मण को भोजन और जन्म-शक्ति दिन-दक्षिणा विदा करें।
– अपने स्वयं के विशेष व्रत का पालन करें.
मोहिनी एकादशी व्रत कथा-
कलश के साथ संचार के क्षेत्र में संचार। इस कलश को पढ़ने वाला और असुरों के बीच होने वाली रात की आवाज़ में ऐसा ही होता है। ️️️️️️️️️️️ को दैत्यों की मृत्यु के बाद विषुणु अच्छी तरह से सुंदर डॉ स्त्री ️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ कैसे देवता अमर हो गए। मान्यता है कि भगवान विष्णु ने जिस दिन मोहिनी रूप धारण किया था, उस दिन वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी थी। इसलिए इस दिन को मोहिनी एकादशी कहा जाता है।
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