Home » Pradosh vrat 2021: 24 अप्रैल को है शनि प्रदोष व्रत, शनि देव को प्रसन्न करने के लिए इस विधि से करें पूजा
DA Image

Pradosh vrat 2021: 24 अप्रैल को है शनि प्रदोष व्रत, शनि देव को प्रसन्न करने के लिए इस विधि से करें पूजा

by Sneha Shukla

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। अप्रैल महीने का दूसरा प्रदोष व्रत 24 अप्रैल दिन शनिवार को है। शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत कह जाता है। इस दिन भगवान शिव के साथ शनि देव की पूजा भी की जाती है। शास्त्रों के अनुसार, शनि प्रदोष व्रत के दिन शनि देव को काला तिल, काला वस्त्र, तेल, उड़द की दाल अर्पित करना शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शनि देव को ये चीजें अर्पित करने से भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं। जानिए प्रदोष व्रत के दिन शनिदेव को कैसे करें प्रसन्न-

शनि प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त

त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ – फरवरी 24 की रात 07 बजकर 17 मिनट से।
समाप्त – 4:12 पी एम, 25 फरवरी तक।

शनि देव को प्रसन्न करना हो तो ऐसे करें प्रदोष व्रत पूजा-

शनि प्रदोष व्रत विशेष तौर पर शनि की दशा को दूर करने के लिए किया जाता है। इस दिन शनि स्त्रोत का पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है। मान्यता है कि यह व्रत करने से पुत्र की प्राप्ति होती है। इस दिन यदि शनि से संबंधित कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो दुर्भाग्य से बहुत दूर होता है। इस दिन बिना जल पिए व्रत रखा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन बूंदी के लड्डू यदि काली गाय को खिलाएंगे तो भाग्योदय होगा। इसके साथ ही काले कुत्ते को तेल से चुपड़ी हुई रोटी खिलानी चाहिए। शनि प्रदोष के दिन कम से कम एक माला शनि मंत्र का जाप करना चाहिए। जाप के दौरान शुद्ध शुद्ध रहना चाहिए। इसके अलावा गरीब को तेल में बने खाद्य पदार्थ खिलाएँ हैं।

साप्ताहिक राशिफल: 20-27 अप्रैल तक इन राशि वालों को फायदा होगा और नुकसान होगा, जानिए

शनि प्रदोष व्रत पूजा विधि-

प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ कपड़े धारण करते हैं।
भगवान शंकर और माता पार्वती को पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराएं।
अब भगवान को बेल पत्र, गंध, अक्षत, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग व इलायची अर्पित करें।
शाम को भगवान शिव की इसी तरह पूजा करें और पुनः एक बार उक्त सभी सामग्री भगवान को अर्पित करें। इस दिन अगर संभव हो तो इस दिन कांसे की कटोरी में तिल का तेल लेकर अपना चेहरा देखना चाहिए और जो भी शनिदेव के नाम का दान स्वीकार करता हो उसे तेल दान कर दें।
इस दिन बूंदी के लड्डू काली गाय को और काले कुत्ते को तेल से चुपड़ी हुई रोटी खिलाने से भाग्योदय होता है।
शनि प्रदोष के दिन कम से कम एक माला शनि मंत्र का जाप करना चाहिए।
गरीब को तेल में बने खाद्य पदार्थ खिलाएं।
शनिदेव की प्रतिमा को देखते समय भगवान की आँखों में नहीं देखा।
इस दिन पीपल को जल देने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं।

HomepageClick Hear

Related Posts

Leave a Comment