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Pradosh Vrat April 2021 : कल है प्रदोष व्रत, इन मुहूर्तों में भूलकर भी न करें पूजा

by Sneha Shukla

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व है। हर महीने में दो बार प्रदोष व्रत रखा जाता है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। वर्ष में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं। कल 24 अप्रैल, 2021 को इस महीने का दूसरा प्रदोष व्रत रखा जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार कल यानी 24 अप्रैल को चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। इस पावन दिन माता पार्वती, भोलेनाथ और गणेश जी की विधि- विधान से पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन शिव परिवार की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

प्रदोष व्रत के दिन बन रहे हैं ये शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त- 04:19, 25 अप्रैल से 05:02, 25 अप्रैल तक।
  • प्रात: सन्ध्या- ५:४०, २५ अप्रैल से ०५:४६, २५ अप्रैल तक।
  • अभिजित मुहूर्त – 11:53 ए एम से 12:46 पी एम तक।
  • विजय मुहूर्त- 02:30 पी एम से 03:23 पी एम तक।
  • गोधूलि मुहूर्त- 06:39 पी एम से 12:46 पी एम तक।
  • सायाँ सन्ध्या- 06:52 पी एम से 07:58 पी एम तक।
  • अमृत ​​काल- 09:47 पी एम से 11:15 पी एम तक।
  • निशिता मुहूर्त- 11:57 पी एम से 12:41 ए एम, 25 अप्रैल तक।

प्रदोष व्रत के दिन बन रहे ये अशुभ मुहूर्त- (इन मुहूर्तों में न करें पूजा)

  • राहुकाल- 09:03 ए एम से 10:41 पी एम तक।
  • यमगंड- 01:58 पी एम से 03:36 पी एम तक।
  • गुलिक काल – 05:47 ए एम से 07:25 ए एम तक।
  • दुर्मुहूर्त- 05:47 ए एम से 06:39 ए एम तक।
  • वर्ज्य- 12:59 ए एम से 04:27 पी एम तक

प्रदोष व्रत के दिन इन बातों का ध्यान रखें

  • प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए।
  • स्नान आदि से निवृत होने के बाद भगवान शिव का ध्यान करें।
  • गुस्सा या विवाद से बचकर रहें।
  • प्रदोष व्रत के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • इस दिन सूर्यास्त से एक घंटा पहले स्नान कर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।
  • प्रदोष व्रत की पूजा में कुशा के आसन का प्रयोग किया जाता है।

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