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Pradosh Vrat April 2021 : बेहद ही शुभ होती है त्रयोदशी तिथि, जानिए इस दिन क्यों रखा जाता है प्रदोष व्रत

by Sneha Shukla

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हर महीने में दो बार त्रयोदशी तिथि पड़ती है। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है। यह पावन व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत करने से महादेव और माता पार्वती का आर्शीवाद प्राप्त होता है। ऐसा भी कहा जाता है कि प्रदोष व्रत में प्रदोष काल में ही महादेव की पूजा- अर्चना करनी चाहिए। प्रदोष काल में महादेव की पूजा करने से सभी देवी- देवताओं का आर्शीवाद प्राप्त हो जाता है। 9 अप्रैल 2021 को अप्रैल महीने का पहला प्रदोष व्रत रखा जाएगा। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे त्रयोदशी तिथि पर ही प्रदोष व्रत क्यों किया जाता है और प्रदोष काल में महादेव की पूजा करने का इतना अधिक महत्व क्यों होता है।

त्रयोदशी तिथि के दिन ही महादेव ने विष पिया था

  • धार्मिक पुराणों के अनुसार महादेव ने त्रयोदशी तिथि के दिन ही समुद्र मंथन से निकले विष को पिया था। जिस समय महादेवक्ष को ग्रहण कर रहे थे उस समय प्रदोष काल था। सभी देवताओं ने प्रदोष काल में महादेव की स्तुति की। महादेव ने भगवान की स्तुति से प्रसन्न होकर तांडव भी किया था। केवल से त्रयोदशी तिथि को प्रदोष काल में महादेव का पूजन करने की परंपरा चली आ रही है।

प्रदोष काल

  • सूर्यास्त से डेढ़ घंटे तक के समय को प्रदोष काल माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष काल में महादेव की पूजा- अर्चना करने से महादेव सभी मनोकामनाओं को करते हैं।



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