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RTPCR में निगेटिव आ रहे हैं मरीज लेकिन फेफड़ों में मिल रहा है संक्रमण और पैच

RTPCR में निगेटिव आ रहे हैं मरीज लेकिन फेफड़ों में मिल रहा है संक्रमण और पैच

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> नई दिल्ली: कोरोनावायरस की दूसरी लहर में ऐसे भी मामले सामने आ रहे हैं जहां लक्षण सभी है लेकिन आरटीपीसीआर टेस्ट में रिजल्ट निगेटिव आ रहा है। वहीं चेस्ट स्पिन स्कैन करने पर फेफड़े में संक्रमण और फेट मिल रहा है। ऐसे में मरीजों की पहचान मुश्किल हो रही है। वहीं इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के मुताबिक ऐसे मामले ज्यादा नहीं हैं और ऐसे केस पिछले साल भी आए थे।

कोरोना की दूसरी लहर में हर दिन नए मामलों की संख्या में वृद्धि, जबकि कुछ अलग तरह के केस भी सामने आ रहे हैं। जिसमें मरीजों को कोरोना के सभी लक्षण हैं लेकिन एंटीजन टेस्ट और आरटीपीसीआर टेस्ट में भी रिजल्ट निगेटिव आ रहे हैं। हालांकि डिटेल परीक्षण और चूहे स्कैन में फेफड़े में इंफेक्शन मिल रहा है। हाल में ऐसे कई मामले सामने आए हैं।

ऐसा ही एक केस दिल्ली के द्वारका में भर्ती बबिता श्रीवास्तव का है। बबीता प्रेग्नेंट थी और उनकी पेशकश थी। लेकिन उस दौरान उन्हें कोरोना के पूरे लक्षण थे। जब टेस्ट किया गया तो रिजल्ट निगेटिव आया। डॉक्टरों ने लक्षण देखने के बाद तय किया कि वह फेफड़े के सैंपल लेंगे और ऐसा करने पर नतीजों में साफ हो गया है कि वे फेफड़े की क्षमता है।

ऐसे एक नहीं बल्कि कई मामले सामने आए हैं। जिसमें लक्षण सभी हैं लेकिन टेस्ट के नतीजे निगेटिव आ रहे हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक ऐसे 15-20% केस सामने आ रहे हैं जिसमें नाक या गले में वायरल लोड समान नहीं होता है और उसकी वजह से सैंपल में परिणामजे निगेटिव आता है। & nbsp;

इस बारे में हमने आईसीएमआर के एपिडेम सियोलगी और कम्युनिकेशंसबल डिजीज के हेड डॉ। समीरण पान से बात रण। उनका कहना है कि ऐसे बहुत से मामले नहीं हैं। पिछले साल भी ऐसे केस सामने आए थे। उन्होंने कहा कि कोरोना जब पहली बार आया था तब पता चला की कुछ रोगी ऐसे हो सकते हैं जिनमें आरटीपीसीआर करने पर इंफेक्शन या वायरस की मौजूदगी नहीं होगी।

समीरण पांड ने कहा कि आरटीपीसीआर गोल्ड स्टैंडर्ड है। कोरोना की टेस्टिंग के लिए और भारत मे टेस्ट के दौरान एक या दो नहीं तीन जीन देखे जाते है। इसलिए ये कहते हैं कि वायरस में कोई बदलाव या म्यूटेशन हुआ है, ये नहीं कह सकते हैं और इसलिए ज्यादातर केस में परिणामजे सही है। अभी भारत में जो निर्देश है, उसमें हम दो या तीन जीन पकड़ते हैं और फिर डायग्नोसिस करते हैं। एक जीन को पकड़ कर हम जांच करते हैं और उसमें बदलाव आ गया है तो शायद हम पकड़ नहीं पाते हैं। & nbsp;

उन्होंने कहा कि वर्तमान में अगर आप कोरोना के लक्षण दिखे जैसे बुखार, खांसी, सर्दी, जुकाम, बदन दर्द, मंशेशियों में दर्द, सूंघने की शक्ति जाना या स्वाद जाना तो डॉक्टर्स को दिखाएँ। आरटीईएसआर टेस्ट के परीक्षार्थी। जो भी इलाज हो वो डॉक्टर्स को करने दें। वहीं निगेटिव रिपोर्ट आती है तो डॉ को शो और उनकी सलाह के अनुसार ही इलाज करें।

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