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UP Lockdown: यूपी के 5 शहरों में नहीं लगेगा लॉकडाउन, सुप्रीम कोर्ट ने HC के फैसले पर लगाई रोक

SC ने कहा- कोरोना पर HC की सुनवाई रोकने का कोई इरादा नहीं, वकीलों के रवैये पर जताया अफसोस

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> नई दिल्ली: देश में कोरोना के बिगड़े हालात के बीच ऑक्सीजन और आवश्यक दवाओं की कमी को लेकर शुरू की गई सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने आज बिना किसी ठोस आदेश दिए टाल दी। जज खास तौर पर इस बात पर खिन्न नजर आए कि कल से लेकर आज तक सुप्रीम कोर्ट की मंशा को लेकर वरिष्ठ वकील और तमाम लोगों ने तरह-तरह के आरोप लगाए हैं। मामले में एमिकस क्यूरी बनाए गए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने भी इस तरह के आरोपों पर दुख जताते हुए अपने आप को इस दायित्व से अलग कर दिया। मामले की अगली सुनवाई मंगलवार, 27 अप्रैल को होगी।

आज की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े, जस्टिस एल नागेश्वर राव और एस रविंद्र भट ने कई बार यह कहा कि उनका औसत किसी हाई कोर्ट को ट्रायल से रोकने का बिल्कुल नहीं था। उनकी कोशिश सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर आवश्यक दवाइयों और उपकरणों के उत्पादन और सुनवाई में आ रही समस्या को आसान बनाने की है। लेकिन लोगों ने बिना सुप्रीम कोर्ट के आदेश को समझे तरह तरह की टिप्पणियां करनी शुरू कर दीं। जजों ने इस बात पर जोर जताया कि ऐसे करने वालों में वरिष्ठ वकील भी शामिल थे।

कुछ बड़े वकील इस संस्था को तबाह कर देंगे- जस्टिस एल नागेश्वर राव p p ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> बेंच के सदस्य जस्टिस एल नागेश्वर राव ने कहा, "कुछ बड़े वकील इस संस्था को तबाह कर देंगे। उन्होंने बिना हमारे आदेश को पढ़े तमाम तरह की बातें कहने लगीं दीं। हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई को रोकते हुए का हमारा कभी कोई इरादा नहीं था।" जस्टिस रविंद्र भाट ने भी जस्टिस राव की बात पर सहमति जताते हुए कहा कि ऐसे करने वालों में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष दुष्यंत दवे भी शामिल थे। हरीश साल्वे को एमिकस क्यूरी बनाने का विरोध करते हुए एक वीडियो जारी करने वाले दवे ने कहा, "लोगों में एक आम धारणा बन गई थी कि सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट की सुनवाई को रोकना चाहता है। इसलिए मैंने ऐसा बयान दिया।" इस पर जगेस ने कहा, "बड़े वकीलों से यह उम्मीद नहीं की जाती है कि वह धारणाओं के आधार पर बयान दें। उन्हें कुछ कहने से पहले कम से कम कोर्ट का आदेश देखना चाहिए।"

साल्वे ने खुद को एमिकस क्यूरी के दायित्व से मुक्त करने का अनुरोध किया <शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> इससे पहले परीक्षण की शुरुआत में ही वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने खुद को एमिकस क्यूरी के दायित्व से मुक्त करने का जजों ने कहा था। उन्होंने कहा, "ऐसा कहा जा रहा है कि मैं चीफ जस्टिस का स्कूल-कॉलेज के दिनों का दोस्त हूं, इसलिए मुझे यह दायित्व सौंपा गया है। कुछ लोग कह रहे हैं कि मैं उद्योगों का वकील हूं। कुछ मुझे सरकार का नजदीकी बता रहे हैं। इस तरह के संवेदनशील मामले में जहां कोर्ट लोगों के जीवन की रक्षा के लिए मुकदमा कर रहा है, इस तरह का विवाद नहीं होना चाहिए। इसलिए, मैं खुद को मामले से अलग करना चाहता हूं।" चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े ने कहा कि साल्वे को एमिकस नियुक्त करने का फैसला सिर्फ उनका नहीं था। इसे तीनों जजों ने मिल कर लिया था। इसी तरह की स्थिति रही तो भविष्य में जजों को किसी वकील को एमिकस बनाते समय लगता है कि वह उसे बिल्कुल न पहचानते होंगे।

चीफ जस्टिस बोबड़े के कार्यकाल का आज आखिरी दिन था

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस बात पर दुख जताया कि एक विवाद खड़ा करके हरीश साल्वे जैसे निर्दोष वकील और सुप्रीम कोर्ट पर दबाव बनाने की कोशिश की गई। चीफ जस्टिस बोबड़े के कार्यकाल का आज आखिरी दिन था। ऐसे में मेहता ने कहा, "आज का दिन चीफ जस्टिस को प्रेम और सम्मान से विदाई देने का था। लेकिन लोगों में कटुता भरी है। उन्होंने इस दिन को भी विवादित बना दिया।"

चीफ जस्टिस ने मेहता से कहा कि कोर्ट उनकी भावना का सम्मान करता है। लेकिन लोग टिप्पणी करने को स्वतंत्र रूप से हैं। सब अपनी सोच के आधार पर बातें कहते हैं। मेहता ने कोर्ट को जानकारी दी कि केंद्र सरकार का विस्तृत जवाब अभी तैयार नहीं हुआ है। इसके बाद कोर्ट ने ट्रायल को मंगलवार के लिए स्थगित कर दिया। परीक्षण के अंत में जजों ने वकील अनुराधा दत्त को हरीश साल्वे की जगह एमिकस क्यूरी नियुक्त कर दिया।

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