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<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> शनि दोष निवारण: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक़, हर ग्रह की महादशा और अंतर्दशा सभी राशियों पर चलती रहती है। इससे कुछ राशियों पर अच्छा प्रभाव पड़ता है तो कुछ पर बुरा प्रभाव पड़ता है। & nbsp; इन सभी योजनाओं की महादशा से यदि किसी को सबसे अधिक डर लगता है तो वह शनि की महादशा है। ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को न्याय का देवता कहते हैं। वे मनुष्यों को उनके कर्मों के बारे में बताते हैं कि वे फल हैं। ऐसी मान्यता है कि जिन राशियों की कुंडली में शनि देव की नजर टेढ़ी रहती है। उन लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र में शनि की महादशा से बचने के लिए कुछ उपाय बताए गए है। इनको करने से शनि की महादशा के कुप्रभाव से बचा जा सकता है। & nbsp;
अक्षय तृतीया 2021: 14 मई को अक्षय तृतीया पर इन चीजों का करें दान, खुलने लगेगी बंद किस्मत
- <ली> शनि या राहु-केतु के कुरूप से बचने के लिए रात के समय बनाई जाने वाली अंतिम रोटी में सरसों का तेल लगाकर काले कुत्ते को खिलाना चाहिए। इससे शनि का कुंड कम होता है।
- प्रतिदिन काली गाय को रोटी खिलानी चाहिए। रोटी खिलाते समय गाय के सामने यह कहना चाहिए कि मैं यह रोटी शनि देव को दान कर रहा हूं। चूंकि गाय सर्वदेव पूजित और सर्व देवमयी हैं। इससे शनि की महादशा कम होती है।
- शनि दोष से प्रभावित व्यक्ति को काला कुत्ता पालना चाहिए। उसके साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए।
- घर की छत पर कबाड़ आदि नहीं रखना चाहिए। छत को अच्छी तरह से साफ रखना चाहिए।
- दूसरे के धन पर और पराई स्त्री पर बुरी नजर नहीं रखनी चाहिए। मान्यता है इससे शनि का कुप्रभाव कम होता है।
- घर में सुख शांति के लिए हर रोज पहली रोटी को चार बराबर भाग में बांधे क्रमशः पहले भाग काले गाय को, दूसरे भाग काले कुत्ते को, तीसरे भाग कौवे को। देना चाहिए और चौथा भाग चौराहे पर रख देना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने वाले घर में सुख शांति बनी रहती है।