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दिसंबर की तारीख पर तारीख की तारीख तय हो गई है। माता सीता के जन्मगृह को सीता नवमी या जानकी नवमी के नाम से जाना है। माता सीता को माता जानकी नाम से भी जाना है। अपनी पत्नी की पत्नी की पत्नी के साथ श्री राम की रक्षा के लिए अपनी पत्नी के रूप में तैनात हैं। सीता नवमी का पर्व बड़े ही धूम- धाम से कार्यक्रम है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र के लिए व्रत भी रखती हैं। पूजा तिथि, पूजा-विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व…
सीता नवमी तिथि
- इस साल 21 मई, 2021, शुक्रवार को नवमी का पावन अवकाश जारी किया गया।
सीता नवमी शुभ मुहूर्त
- नवमी तिथि- 20 मई दोपहर 12 बजकर 25 से
- नवमी तिथि समाप्त- 21 मई सुबह 11 बजकर 10 पर।
सीता नवमी पूजा-विधि
- सुबह जल्दी उठे।
- घर के मंदिर में साफ-सफाई करें।
- साफ सफाई के बाद दीप प्रज्वलित करें।
- देवी- का गंगा जल से प्रार्थना करें।
- माता सीता का अधिक से अधिक ध्यान दें।
- माता सीता के साथ राम का भी ध्यान दें।
- अगर आप व्रत कर सकते हैं तो व्रत का संकल्प लें।
- माता की माता सीता और राम की आरती करें।
- गम राम और माता सीता को भोग-विलास। इस बात का भी ध्यान रखें कि सुप्रभात का भोजन भी इसी प्रकार का होता है।
- इस पावन हनुमान जी को अधिक से अधिक ध्यान देना चाहिए।
महत्व
- सीता नवमी के दिन व्रत का अधिक महत्व.
- पावन सुहागीन महिला की आयु की आयु के लिए, यह व्रत भी किया जाता है।
- माता-पिता की पूजा-सम्बन्धी क्षेत्रों में वे समान होते हैं।
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