<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> प्रतापगढ़: प्रतापगढ़ में 19 अप्रैल को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मतदान का दिन प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस विभाग के लिए सबसे काला दिन बन गया है। & nbsp; जिला अधिकारी डॉ। नितिन बंसल और पुलिस अधीक्षक के तमाम दावे हवा हवाई साबित हुए। प्रतापगढ़ के 17 ब्लाकों में प्रधान, बीडीसी सदस्य, जिला पंचायत सदस्य के लिए दांव होना था। तमाम सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में जबरदस्त हंगामा व बवाल देखने को मिला। कहीं, बैलेट पेपर गलत पहुंचने को लेकर तो कहीं फर्जी मतदान को लेकर जिले में भीषण संग्राम होता रहा है। & nbsp;
कई जगह पर हुआ बवाल
उत्तर प्रदेश का जिला प्रतापगढ़ सोमवार को चम्बल के बीहड़ों से कम नहीं था। चाहे सत्ताधारी दल के नेता हों या प्रत्याशी व उनके समर्थक सभी ने पंचायत चुनाव में खुद की जीत के लिए प्रतापगढ़ की कानून व्यवस्था को ताक पर रख दिया था। पुलिस कर्मी व अधिकारियों को यह समझ नहीं आ रही थी कि क्या तो क्या है। जब हालात पर से बाहर हो गए तो कुछ बूओं पर पुलिस को लाठी और फायरिंग तक करनी चाहिए। हद तो तब हो गयी जब दबंगों ने & nbsp; शाम को & nbsp; मत पेटियों को लेकर वापस आ रहे मतदान कर्मियों की बस को रोकर मतदान पेटी छीनने का प्रयास किया और असफल होने पर & nbsp; बस में आग लगा दी। पुलिस फोर्स ने पहुंचकर मत पेटियों को अपने ओवर में किया। इस पूरे मामले में एक दरोगा को भी चोटें आईं हैं।
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8 बूमों पर रिपोलिंग होगी
सत्ताधारी पार्टी की नेता ने भी आग में घी डालने का काम किया। पूर्व सांसद व भाजपा नेत्री राजकुमारी रत्ना सिंह जिन्हें प्रशासन ने प्रतिबंधित किया था कि मतदान के दिन वो क्षेत्र में नहीं बाहरगी, फिर भी सत्ता की हनक दिखाने के लिए भाजपा नेत्री व पूर्व सांसद राजकुमारी रतना सिंह जिनकी बेटी तनु श्री लालगंज क्षेत्र के सांगीपुर द्वितीय से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रहे थे, उसको जिताने के लिए अपने सुरक्षा गार्ड के साथ बूथों पर घूमती रहीं। जिसे देखकर बो पर मौजूद अधिकारी ने जमकर फटकार लगाई। तब जाकर भाजपा नेत्री वहां से हेटन। एक तरफ जहां उपद्रवियों ने उत्पात मचा रखा था, वहीं पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों को ऐसे लोगों को भी काबू में करने का काम करना पड़ रहा था। इसी क्रम में भाजपा नेता शिव प्रकाश मिश्र "सेनानी " की पत्नी सिन्धुजा मिश्र भी शाम लगभग दौड़ खत्म होने के बाद बो पर जा पहुंची। जिससे विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई। यानी सत्ताधारी पार्टी के नेताओं ने भी अपनी हनक दिखाने के लिए प्रशासन और पुलिस का और ज्यादा उठाया। पूरे जिले में कालाकांकर के बारियाव, संग्रामगढ़ के पुरुसीय मकदूमपुर, पट्टी के बरहपुर, हर्जामऊ, कोहड़ौर के चुनावडीह, सांगीपुर के मुरैनी, कंधई के हिरस वकेमजानीपुर, लालगंज के डीएच मेहंदी गांवों में जमकर बवाल हुआ जनपद। अधिकारियों ने 8 बूथों पर दोबारा पोलिंग कराने का फैसला लिया है।
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