Home » UP: हाईकोर्ट की सख्ती से प्रयागराज में हफ्ते भर में चालीस फीसदी कम हो गया कोरोना का संक्रमण
UP में कोरोना का तांडव जारी, बढ़ते मामलों पर Allahabad High Court में आज सुनवाई। Corona Virus

UP: हाईकोर्ट की सख्ती से प्रयागराज में हफ्ते भर में चालीस फीसदी कम हो गया कोरोना का संक्रमण

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> प्रयागराज: & nbsp; देश के अधर्म भागों में जहां कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं, तो वहीं संगम नगरी प्रयागराज में सकारात्मकों की संख्या एक सप्ताह में चालीस प्रतिशत तक कम हो गई है। प्रयागराज में पिछले छह दिनों से लगातार विकृतियों की संख्या में तेजी से गिरावट आ रही है। सप्ताह भर पहले यहां रोज़ाना तेईस सौ से चौबीस लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आती थी, लेकिन अब यह संख्या घटकर चौदह सौ के करीब पहुंच गई है। संक्रमण पास में तेजी से आ रही गिरावट यहां महामारी से जूझ रहे लोगों के लिए राहत की बड़ी खबर के बारे में आई है। & nbsp;

हाईकोर्ट की सख्ती

वैसे तो प्रयागराज में कोरोना के ओवर में आने की कई वजहें हैं, लेकिन सबसे बड़ा कारण इलाहाबाद हाईकोर्ट की सख्ती है। हाईकोर्ट यहां के हालात की लगातार मॉनीटरिंग कर रहा है और सरकारी अमले के झूठ कसे रहा है। कोर्ट कई बार जिले के डीएम – एसएसपी और सीएमओ सहित तमाम अफसरों को तलब कर चुका है। उन्हें फटकार भी लगाई है तो साथ ही ज़रूरी दिशा निर्देश भी दिए हैं। हाईकोर्ट के चाबुक से यहां का सरकारी अमला हरकत में नज़र आ रहा है। फैस और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के साथ ही कोरोना कर्फ्यू में भी सख्ती बरती जा रही है। ये सबका नतीजा यह हुआ कि प्रयागराज में कोरोना के हालात अब खत्म हो गए हैं।"पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> पॉजिटिव केस घटे

स्वभावों की संख्या में कमी के साथ ही पॉजिटिव आने का अनुपात भी काफी अधिक है। दो हफ्ते पहले जितने आंकड़े आए थे, उनमे लगभग एक चौथाई रिपोर्ट पॉजिटिव आती थी, लेकिन अब यह ट्रिक घटकर आधी के करीब हो गई है। पिछले दो दिनों में कुल जांचों की बारह से तेरह प्रति रिपोर्ट ही पॉजिटिव आ रहे हैं। हालांकि हाईकोर्ट की सख्ती और सरकारी अमले की सक्रियता के साथ ही जिले के लोगों ने भी अपने रवैये में बड़ा बदलाव किया है। लोग अब न सिर्फ संकाय पहनकर ही बाहर निकल रहे हैं, बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी कर रहे हैं। सड़कों पर निकलने वालों की संख्या भी आधी के करीब हो गई है। सड़कें और अन्य सार्वजनिक स्थान सूने -सेन से नज़र आ रहे हैं। & nbsp;

इस तरह समझी जमीनी हकीकत

दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रयागराज जिले में ही है, लिहाजा जजेज खुद भी जब सड़कों पर बाहर निकलते हैं, तो वह ज़मीनी हकीकत से रूबरू होते रहते हैं। बहुत ही नहीं कोर्ट ने कई वकीलों को कोर्ट कमिश्नर भी नियुक्त कर रखा है, जो अक्सर ही सरकारी आंकड़ों व दावों की पोल खोलकर रहते हैं। हाईकोर्ट ने प्रयागराज में कई चीजों को मॉडल के तौर पर सफल प्रयोग भी किया है। चाहे वह थाने स्तर पर कोरोना तस्क फ़ोर्स का गठन हो या फिर नाइट कर्फ्यू। ड्रोन कैमरों से निगरानी का फैसला हो या फिर कोविड ग्रेवल तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश हो। सेनेटाइजेशन हो या फिर बड़ी संख्या में सेक्टर मजिस्ट्रेटों की तैनाती के आदेश। अस्पतालों की सूरत बदलने से लेकर मेडिकल सुविधाओं को बढ़ाने के आदेश भी कोर्ट ने न सिर्फ समय समय पर दिए हैं, बल्कि अक्सर ही ज़िम्मेदार लोगों को तलब कर उनसे रिपोर्ट मांगने का भी बड़ा असर पड़ा है। & nbsp;

19 अप्रैल से आई गिरावट

लगभग एक महीने पहले प्रयागराज में टाइपों की संख्या रोज़ाना पचास से नीचे ही रहती थी। लेकिन एक अप्रैल से यहां कोरोना ने तेजी से रोक पकड़ी थी। दो अप्रैल को 296 मामले आए। पांच अप्रैल को यह संख्या 652 हो गई। 10 अप्रैल को 1682 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 16 अप्रैल को 2236, 17 को 2436 लोग हुए। इसके बाद 19 अप्रैल से गिरावट शुरू हो गई। बीच में दो दिन आकांक्षा मामूली तौर पर बढे, लेकिन तेईस अप्रैल से जो कमी फिर शुरू हुई, वह लगातार जारी है। 27 अप्रैल को यहां 1598 और 28 अप्रैल को 1493 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। पिछले एक सप्ताह के आंकड़ें महामारी से जूझ रहे लोगों को काफी राहत देने वाले हैं। हालांकि लोगों को यह बात समझनी होगी कि अभी तक सिर्फ कुछ कम हुआ है। सही से ख़त्म नहीं हुआ है। ऐसे में जागरूकता और ज़िम्मेदार सूची निभाकर ही इस महामारी से निजात पाई जा सकती है। & nbsp; & nbsp;

ये भी पढ़ें।

कोरोना संक्रमण से बिगड़ते हालात, उत्तर प्रदेश में कक्षा आठ तक के सभी स्कूल 20 मई तक वहां बंद

HomepageClick Hear

Related Posts

Leave a Comment