Home » UP Corona Death: कोरोना के भयावह रूप की गवाही दे रहे पीपल के पेड़, हकीकत आपको भी कर देगी हैरान  
UP Corona Death: कोरोना के भयावह रूप की गवाही दे रहे पीपल के पेड़, हकीकत आपको भी कर देगी हैरान  

UP Corona Death: कोरोना के भयावह रूप की गवाही दे रहे पीपल के पेड़, हकीकत आपको भी कर देगी हैरान  

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> गोरखपुर: वैश्विक महामारी कोरोना ने किनों को असमय ही मृत्यु की नींद सुला दिया है। किसी को ऑक् & zwj; सीजन नहीं मिला तो किसी को बेड और वेंटिलेटर। शहर से लेकर गांव तक मौत का मातम पसरा हुआ है। इस बेबसी के बीच एक बात हर पीड़ित परिवार को एक-दूसरे से मिलती है कि उन् & zwj; होंने परिवार के किसी अपने को खो दिया है। जिन पीपल के पेड़ो के नीचे & nbsp; बैठकर कुछ माहीने पहले लोग गप् & zwj; पे फौते रहे हैं। वहां आज मौत की मटकियां ही नजर आ रही हैं।

मटकियां लटकी हुई नजर आ रही हैं
गोरखपुर के हड़हवा फाटक रोड से कृष्णा & zwj; ये मटकियां इस बात की गवाह भी हैं कि परिवार ने किसी को अपना खोया है। आमतौर पर इन पेड़ों पर एक या दो मटकी ही लटकी नजर आती है। लेकिन, महामारी कोरोना 2.0 के बीच औक् & zwj; मौसम की कमी और सांस फूलने के बाद अस् & zwj; पतालों से लेकर सड़क तक पर लोगों की मौत हुई है।

अपनों का किया अंतिम संस्कार & nbsp;
परिवारों ने जैसे-तैसे अपनों का अंतिम संज्ञा & zwj; कार कर दिया। हिंदी & zwj; दू रीति-रिवाज के अनुसार किसी ने तेरहवीं, किसी ने सोलहा तो किसी ने आर्य समाज रीति से क्रियाकर्म किया। लेकिन, असमय हुई परिवार के सदस् & zwj; य की मौत के बाद ज्यादातर लोगों ने आत् & zwj; मा की श & zwj; ांति के लिए हिंदी & zwj; मत धर्म के रीति-रिवाज के अनुसार तेरह और 16 दिन का ही संस् & zwj; कार पूर्ण किया। इस दौरान जब त & zwj; क क्रियाकर्म चलता है, हर दिन पीपल के पेड़ पर मटकी टांगने और उसमें नीचे की ओर एक सुराख कर पानी भर दिया जाता है। हिंदी & zwj; मत धर्म में मान् & zwj; यता है कि पीपल के पेड़ पर देवता का वास होता है। यही कारण है कि आत् & zwj; मा की शांत & zwj; मैं के लिए मटकी टांगी जाती है।

तबाह हो गए परिवार & nbsp;
गोरखपुर के कृष्ण & zwj; ानानगर सेंट्रल कॉलोनी के रहने वाले श्रीप्रकाश शरण वर्मन की रस् & zwj; म को पूरा करने के लिए पीपल के पेड़ में मटकी टांगने आए हैं। उनकी जिंदगी में मातम पसरा हुआ है। श्रीप्रकाश चार माहीने में दो बड़ी बहन, एक बड़े भाई और एक छोटे भाई को खो चुके हैं। वे बताते हैं कि उनके परिवार में चार महीने में चार लोगों की मौत हुई है। कोविद -19 की वजह से उन् & zwj; अपने भाई और बहन को खो दिया। अब वो भाई-बहनों में अकेले बचे हुए हैं। वो यहाँ पर अं & zwj; तिम संस् & zwj; कार की रस् & zwj; म को पूरा करने के लिए आए हैं।

लोगों की मौत हो रही है
गोरखपुर के एल् & zwj; यूपी फक् & zwj; तड़ी हड़हवा फाटक के रहने वाले रौनक श्रीवास् & zwj; तव ने कोविड -19 की चपेट में आने की वजह से पिता को खो दिया। । वे उनके क्रियाकर्म की रस् & zwj; म को पूरा कर रहे हैं। उन् & zwj; होंने ने बताया कि कोविड -19 से हो रही मौतों की वजह से शहर में ज्यादातर पीपल के पेड़ पर मटकियां टंगी हुई नजर आ रही हैं। पहले 10 से 15 दिन में अहद म & zwj; टकियां ही दिखाई दे रही हैं। लेकिन, कोरोना की वजह से अधिक मौतें होने से पीपल के पेड़ 5 से 6 मटक & zwj; ियों दिखाई दे रहे हैं। ऑक् & zwj; सीजन की कमी की वजह से लोग मर रहे हैं। शरीर के अंग खराब हो रहे हैं। इस कारण से लोगों की मौत हो रही है।

बढ़ी हुई मृतकों की संख्या & nbsp;
पंडित आशुतोष चतुर्वेदी बताते हैं कि ऑक & zwj; सीजन की कमी की वजह से कोरोना पीड़ित लोगों की मौत हो रही है। अस् & zwj; पतालों में बिस्तर नहीं मिल पा रहा है। ऑक् & zwj; सीजन और सुविधा नहीं मिलने से मौतें काफी हो रही हैं। सनातन धर्म में क्रियाकर्म में आत् & zwj; मा की शांति के लिए मटकियां पीपल के पेड़ में तंगी जाती थी। आज शहर में कोई भी पीपल के पेड़ पर 15 से 20 मटकियां टंगी मिल जाएगी। लेकिन, पहले 15 से 20 दिन में एक मटकी टंगी दिखाई देती थी।

ये भी पढ़ें: & nbsp;

ग्रेटर नोएडा: एक बेटे की चिता को आग देकर लौटा पिता, घर में दूसरे की लाशें मिलीं ।

HomepageClick Hear

Related Posts

Leave a Comment