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Vaishakh Amavasya: कल है भौमवती अमावस्या, सूर्य चंद्रमा रहते हैं एक साथ, भरणी नक्षत्र में करें पितरों की पूजा

by Sneha Shukla

कल यानी 11 मई को वैशाख मास की अमावस्या है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा एक साथ एक ही राशि में होते हैं, जिससे भौमवती अमावस्या का संयोग बनता है। सूर्य और चंद्रमा के एक साथ होने से भरणी नक्षत्र बनता है जो पितरों की पूजा के लिए बहुत अच्छा है।

इस दिन किए गए पितरों के श्राद्ध और पूजा से परिवार में समृद्धि आती है। इस दिन दान करने का पुण्य फल मिलता है। इस दिन घर में पानी में गंगा जल सहित स्नान करें। इस अमावस्या पर गरीबों को भोजन, कपड़े आदि का दान करना सबसे ज्यादा फलदायी है।

वैशाख अमावस्या 2021: वैशाख अमावस्या कब है? जानिए इस दिन बनने वाले सौभाग्य व शोभन योग का महत्व

इस बार अमावस्या तिथि 10 मई को रात 10 बजे से ही शुरू हो रही है। अमावस्या 11 मई को दोपहर 2.50 मिनट तक रहेगी, इसलिए दान पुण्य और पितरों का श्राद्ध कर्म इस समय से पहले कर लेना चाहिए। इस दिन सौभाग्य व शोभन योग बन रहे हैं। इस दिन पीपल के पेड़ पर चलते जल अर्पित करने और दीपदान का भी विशेष महत्व है।

इनचीज का करें दान
तांबे का बर्तन, लाल कपड़े, गेहूं, गुड़ या लाल चंद
मटके में पानी भरकर
भूखे को खाना खिलाना और प्यासे को पानी पिलाना बहुत शुभफलदायी होता है।

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