<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> वैशाख महीना दोहे और दोहे: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, वैशाख माह हिंदू वर्ष का दूसरा महीना है। यह 28 अप्रैल से शुरू होकर 26 मई तक चलेगा। वैशाख मास श्रीहरि को अत्यंत प्रिय है। हिंदू धर्म शास्त्रों में वैशाख मास में सभी धार्मिक और मांगलिक कार्य किए जाते हैं। वैशाख मास का महत्त्व कमानेलाते हुए नारद जी ने कहा है कि सभी महीनों में कार्तिक, माघ और वैशाख महीने को सर्वोच्च माह माना गया है। इस महीने में गंगा स्नान और दान का बहुत ही महत्त्व है। धर्म ग्रंथों के मुताबिक, इस महीने में कुछ कार्य करने से श्रीहरि बहुत ही प्रसन्न होते हैं और यह विशेष फलदायी होता है, वहीँ कुछ कार्य वर्जित माने गए हैं। तो आइए जानते हैं कि ये कार्य के बारे में हैं।
वैशाख मास में जरूर करें ये < strong> काम
- वैशाख माह जलदान के लिए सर्वोत्तम होता है। धर्म शास्त्रों में जलदान का महत्व विशेष माना गया है। लोग अगर इस महीने में अपने पूर्वजों के नाम प्याऊं लगवाये, राहगीरों के साथ & ndash; साथ पशु-पक्षियों के लिए जल की व्यवस्था करें तो बहुत ही शुभ माना जाता है।
- इस महीने में गरीब और मंद व्यक्तियों की जरूरत है। को पंखा दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
- वैशाख महीने में लोगों को चाहिए कि खरबूजा, मौसमी फल, नए कपड़े भी दान करें। ऐसा करने से अपार पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
- वैशाख मास में हर दिन विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से जीवन में सुख-शांति, संपत्ति, भोग विलास की चीजें प्राप्त होती हैं।
- > ऐसी मान्यता है कि इस महीने में विष्णु जी के साथ-साथ मां लक्ष्मी की अराधना करने, उन्हें लाल गुलाब का फूल या कमल का पुष्प जरूर अर्पित करने से धन की प्राप्ति होती है।
- इस महीने में पवित्र हैं। नदियों में स्नान के समापन के दौरान बुद्ध पूर्णिमा के दिन नदियों में दीपदान करना बेहद ही फलदायी माना गया है।
वैशाख महीना में ये कताई न < strong> करें ।
- स्कंद पुराण के अनुसार, इस महीने में तेल मालिश नहीं करनी चाहिए।
- दिन न नोक।
- दो बार से ज्यादा भोजन न करें। <। ली> सूर्यास्त के बाद भोजन न करें।