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Varuthini Ekadashi 2021: कल एकादशी के दिन पूरे दिन पंचक, इन 5 मुहूर्त में भूलकर भी न करें पूजा-पाठ

by Sneha Shukla

07 मई 2021, दिन शुक्रवार को वरुथिनी एकादशी है। हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि को बरुथिनी एकादशी कहा जाता है। वरुथिनी एकादशी के दिन वैधृति योग के साथ विस्कुंभ योग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में वैधता व विष्कुंभ योग को शुभ योगों में नहीं गिना जाता है। कहा जाता है कि इस दौरान शुभ कार्यों को करने में उन्हें सफलता हासिल नहीं होती है।

वरुथिनी एकादशी महत्व-

लोगों में ऐसी आस्था है कि वरुथिनी एकादशी व्रत करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है और दरिद्रता का नाश होता है। कहा जाता है कि इस व्रत को रखने से कन्यादान और सालों तक तप के बराबर पुण्य मिलता है। इस दिन के पुण्य प्रभाव से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। यह व्रत व्यक्ति को मोक्ष धारणता है।

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बरुथिनी एकादशी व्रत: इन शुभ मुहूर्त में करें पूजा

ब्रह्म मुहूर्त- 04:00 ए एम, मई 08 से 04:43 ए एम, 08 मई तक।
अभिजित मुहूर्त- 11:39 ए एम से 12:32 पी एम तक।
विजय मुहूर्त- 02:18 पी एम से 03:11 पी एम तक।
गोधूलि मुहूर्त- 06:31 पी एम से 06:55 पी एम तक।
निशिता मुहूर्त- 11:44 पी.एम. से 12:26 ए एम, मई 08 तक।

वरुथिनी एकादशी व्रत: इन मुहूर्त में न करें पूजा

राहुकाल- 10:26 ए एम से 12:05 पी एम तक।
यमगंड- 03:25 पी एम से 05:04 पी एम तक।
गुलिक काल- 07:06 ए एम से 08:46 ए एम तक।
दुर्मुहूर्त- 08:06 ए एम से 08:59 ए एम तक।
वर्ज्य- 10:59 पी एम से 12:44 ए एम, 08 मई तक। उसके बाद 12:32 पी एम से 01:25 पी एम तक।
पंचक- पूरा दिन।

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वरुथिनी एकादशी व्रत मुहूर्त

वरुथिनी एकादशी पारणा मुहूर्त: 8, मई को 05:35:17 से 08:16:17 तक

अवधि: 2 घंटे 41 मिनट

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