वास्तु टिप्स सिन्दूर: हिंदू धर्म में सिंदूर का विशेष महत्व है। सिंदूर का उपयोग शुभ कार्यों में किया जाता है। सिंदूर विवाहित नारियों का सुहाग है। उनके लिए यह सिंदूर बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। सुहागिनें अपने पति कि लंबी उम्र के लिए सिंदूर को अपनी मांग में लगाती है। हिंदू धर्म में सिंदूर का इस्तेमाल केवल पूजा पाठ में ही नहीं बल्कि घर परिवार की आर्थिक समृद्धि व विकास के लिए भी किया जाता है। आइये जानें सिंदूर का इस्तेमाल वास्तु शास्त्र में कैसे किया जाता है?
वास्तु शास्त्र में सिंदूर का ऐसे करें इस्तेमाल किया
यदि घर-परिवार में यदि आर्थिक परेशानियाँ चल रही हैं, परिवार के सदस्य बीमारी से ग्रसित हैं, तो चमेली के तेल में सिंदूर सहित हनुमान जी को चढ़ाना चाहिए। लगातार पांच मंगलवार और शनिवार तक हनुमान लला को सिंदूर अर्पित करें। ऐसा करने से आपकी परेशानियां दूर होंगी।
नकारात्मक शक्तियां को दूर कर रहा है के के लिए सिंदूर का करें इस्तेमाल किया
वास्तु शास्त्र के अनुसार, सिंदूर को शुभ चीजों में गिना जाता है। सिंदूर को तेल में घोलकर घर के मुख्य द्वारा पर लगाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है। वास्तु दोष को दूर करने के लिए ऐसा 40 दिनों तक लगातार करना चाहिए।
सिंदूर से है लक्ष्मी प्रसन्न होता है हैं।
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, सिंदूर लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इस रोज़ रोज़ाना माँ लक्ष्मी की पूजा करने के बाद थोड़ा सा सिंदूर तेल में मिलाकर घर के मुख्य द्वारा पर लगाने से घर में लक्ष्मी का वास होता है। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है। घर-परिवार में धन-संपत्ति की वृद्धि होती है।
योजनाएं की शांति के के लिए करें सिंदूर का इस्तेमाल किया
अगर आपकी कुंडली में सूर्य और मंगल मारक ग्रह हैं, जो कि महादशा या अंतर्दशा है। तो सिंदूर को बहते जल में प्रवाहित करें। ऐसा करने से सूर्य और मंगल ग्रह शांत होते हैं। इससे आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी।
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