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आजी 15 मई, 2021 को वैशाख मिह की विनायक चतुष्कोणीय है। हर माह में सुक्लक्ल्स के चौथे स्थान पर जाने की तिथि तय हो गई है। इस पावन दिन विधि- व्यवस्था से गणेश की पूजा- ️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ क्रिया के लिए इस प्रकार के कार्य विधि- व्यवस्था से पूजा- गणेश की गणेश की विशेष कृपा प्राप्त करें। गौना गणेशी देवता हैं। गणेश की पूजा के बाद भी ऐसा ही होता है।
विनायकी चतुर्थी तिथि – 14 मई 2021 को 07 बजकर 59 मिनिट से . ️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️
चतुर्थी तिथि समाप्त – 15 मई 2021 कल 09 बजकर 59 तक
विनायक चतुर्थी पूजा विधि
- यह जल्दी से जल्दी उठे।
- बाद में घर में स्वच्छता कर दीप प्रज्वलित करें।
- दीप प्रज्जित के बाद गणेश कावल गंगा जल से जलभिषेक करें।
- सुंदर गणेश जी को वस्त्र पहनाना।
- गणेश को गणेश को सिंदूर का तिलक और दूर्वा संक्रमित।
- गोकू को गणेश दूर्वा अतिप्रिय। जो भी व्यक्ति गणेश को महसूस करते हैं वे सुंदर होते हैं।
- गोकू गणेश की आरती और भोग-विलास। आप गणेश जी को मोदक, लड्डूओं का भोग लगा सकते हैं।
- इस पावन गणेश गणेश का अधिक से अधिक ध्यान दें।
- यदि आप व्रत करते हैं तो यह व्रत रखें।
विनायकी चतुष्कोणीय महत्व
- इस पावन का अधिक महत्व है.
- गणेश जी की पूजा करने वाले गणेश की पूजा- मन्वांछित की तरह फल की तरह…
- विघ्न व्रत से विघ्न दूर
विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त
- अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 50 से 12 बजकर 45 तक।
- विजय मुहूर्त- सुबह 02 बजकर 33 मिनट से 03 बजकर 28 मिनट तक।
- निशीथ काल- मध्यरात्रि 11 बजकर 57 से 12 बजकर 38 मिनट तक।
- गोली बेला-शाम 06 बजकर 51 से 07 बजकर 15धू तक।
- अमृत काल-मध्यमरात्रि 12 बजकर 10 मिनट से 01 बजकर 56 तक।
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