नई दिल्ली: पिछले दिनों यूपी में गंगा नदी में शव बहते पाए गए हैं। अब एक बार आने पर टीम की टीम मीटिंग होगी और लोगों से अनुरोध करेगा कि वे गंगा में शरीर को न बदल दें, दाह संस्कार करें.. . . . . . . . . . . उधर से लेकर आने पर लोगों की बुलाहट पर बैठक करेंगें ️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ कि वे हैं. .
ये वीडियो यूपी के गाजीरपुर का है। इसमें एक पुलिसकर्मी कह रहे हैं, “गंगाघाट के किनारे बसे लोगों को इंगित किया जा रहा है कि आप लोग गंगा जी में शवों को जल प्रवाहित नहीं करेंगे। बल्कि दाह-संस्कार. दा संस्कार के अलावा कोई भी जल प्रवाहित नहीं करेगा। यह भी ध्यान रखें कि यह आपके लिए जरूरी है। ऐसा नहीं है।
#घड़ी | गाजीपुर: एक पुलिस अधिकारी ने घोषणा की – “कृपया गंगा नदी में शवों के जल दफनाने का कार्य न करें, लेकिन उनका अंतिम संस्कार करें। यदि कोई व्यक्ति दाह संस्कार का खर्च वहन करने में असमर्थ है, तो कृपया हमें सूचित करें। हम व्यवस्था करेंगे।” pic.twitter.com/cfdQrg7CTo
– एएनआई यूपी (@ANINewsUP) 14 मई, 2021
पुलिस ने कहा, “हमारी पुलिस टीम गंगा के मालिकों पर बराबर निगरानी कर रही है। ️ गरीब️️️️️️️️️️ है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है तो तो तो निर्धारित व्यवस्था की वसीयत। किसी भी दशा में जल प्रवाह नहीं किया जाएगा। ”
बता दें कि उत्तर प्रदेश की नदियों में शवों को बहाए जाने पर रोक लगाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गृह विभाग को गश्ती बढ़ाने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य आपदा प्रबंधन बल (एसडीआरएफ) और पीएसी की जल पुलिस को प्रदेश की सभी नदियों में गश्त के लिए लगाया जाए। ये पुलिस बल पूरे शरीर में सुंदरता को पूरा करती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पोस्ट पर पोस्ट किया जाता है।
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