उत्तर पूर्वी दिल्ली हिंसा मामले में कोर्ट ने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को गुरूवार को जमानत दे दी। कोर्ट ने कहा कि केवल हिंसा में शामिल लोगों की पहचान के लिए खालिद को अनिश्चितकाल तक जेल में नहीं रखा जा सकता है।
खालिद पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को उकसाकर सांप्रदायिक अशांति फैलाने के लिए आपराधिक मामला रचने का आरोप है। पिछले साल 13 सितंबर को दिल्ली पुलिस की विशेष सेल ने खालिद को कड़े गैरकानूनी गतिविधि (हस्तक्षेप) अधिनियम के तहत दस घंटे तक हस्तक्षेप के बाद गिरफ्तार किया था।
नॉर्थ ईस्ट दिल्ली हिंसा: दिल्ली कोर्ट ने जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद (फाइल पिक में) को जमानत दी। कोर्ट ने नोट किया कि उसे केवल इस बात के लिए जेल में कैद करने के लिए नहीं बनाया जा सकता है कि भीड़ में शामिल अन्य लोगों की पहचान की जाए और उन्हें मामले में गिरफ्तार किया जाए। pic.twitter.com/Tg7Tcu2hrJ
– एएनआई (@ANI) 15 अप्रैल, 2021
दिल्ली दंगों में मारे गए 53 लोग थे
पिछले साल फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के पीछे की जांच की जांच के लिए आलमिकी दर्ज करने के 200 दिनों से भी कम समय में चार्जशीट दायर की गई थी। नागरिकता कानून समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसक झड़पों में कम से कम 53 लोग मारे गए कुछ और लगभग 200 लोग घायल हो गए थे।
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