<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> चीन में व्यापार कर रहे भारतीय व्यापारी अब नेपाल के अस्पतालों में वैक्सीन लगवाने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। वे सभी चीनी कोटि -19 वैक्सीन लगवाने के लिए यहां पहुंच रहे हैं। नेपाल के अधिकारियों के मुताबिक, इस सप्ताह देश के अस्पतालों में भारतीय व्यापारियों की भारी भीड़ देखने को मिली है। & nbsp; p>
="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> अधिकारियों ने बताया कि भारतीय चरित्र चीनी को विभाजित -19 वैक्सीन लेने के लिए काठमांडू पहुंच रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि चीन से यहां आने वाले कुछ व्यापारी हिंदी में बातें कर रहे थे इसके बाद ये पता चला कि वे सभी भारतीय व्यापारी हैं जो चीन में व्यापार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुछ भारतीय व्यापारियों के पास से चीनी पहचान पत्र भी मिले हैं जिससे साफ पता चलता है कि वे सभी भारतीय व्यापारी हैं। & nbsp; p>
चीन में प्रवेश के लिए कोरोना वैक्सीन लगवाना अनिवार्य strong> p>
शुकराज ट्रॉपिकल एंड इंफेक्शियस डिजीज अस्पताल, टीकू के अधिकारियों ने बताया कि चीन में रहने वाले 30 से अधिक भारतीय कारोबारियों ने यहां हाल ही में कोरोना का केक लगवाया है और वे सभी खासतौर पर कोरोना केके लगवाने के लिए यहां पहुंचे थे। बता दें कि चीन में प्रवेश करने के लिए कोरोना का केक लगवाना अनिवार्य है। यही कारण है कि चीन में रहने वाले भारतीय व्यापारी कोरोना का केक लगवाने के लिए भारत से उड़ान भरने वाले हैं। अधिकारियों ने बताया कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और बहुत जल्द ऐसे कारोबारियों को कोरोना का टीका नहीं लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि हम नए नियम लागू करने जा रहे हैं, जिसके तहत वैक्सीन लगवाने वालों को नेपाली पहचान पत्र दिखाना होगा, केवल वे कोरोना का टीका लगवाने के लिए एप्लीकेबल हो जाएंगे। p>
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