नई दिल्ली: देश भर में महाराष्ट्र कोरोना का एपिक सेंटर बना हुआ है। रोजाना वहां 65 हजार से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं तो ऑक्सीजन, दवाई, बिस्तर और वैक्सीन की कमी को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। प्रदेश में हाहकार के बीच महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने बताया कि ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए राज्य में बंद किए गए प्लांट फिर से शुरू किए गए हैं।
अजित पवार ने कहा कि अब तक हमें 240-250 टन टन ऑक्सीजन मिलता था लेकिन अब हमें यह जानकारी मिली है कि यह रोजकार 125 मिलियन टन कर दिया गया है। हम केंद्र से अनुरोध करते हैं कि जामनगर से हमारे 250 एमटी कोटे को कम न किया जाए। हमारे रेमडेसिविर कोटा को भी 36,000 इंजेक्शन से छक्कर 25,000 इंजेक्शन कर दिया गया है।
ऑक्सीजन से संबंधित मुद्दों के लिए, महाराष्ट्र में बंद किए गए पौधों को फिर से शुरू किया गया है। अब तक हमें 240-250 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिलती थी लेकिन अब हमें यह जानकारी मिली है कि इसे घटाकर 125 मीट्रिक टन कर दिया गया है। हम उनसे (केंद्र) अनुरोध करते हैं कि जामनगर से हमारे 250 एमटी कोटा को कम न करें: महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री pic.twitter.com/z5BUaEMPg6
– एएनआई (@ANI) 24 अप्रैल, 2021
वहीं महाराष्ट्र में कोरोना की दूसरी लहर का कहर जारी है। पिछले 24 अप्रैल को कोरोना के 67,160 नए मामले आए हैं, जबकि 676 मौतें दर्ज की गई हैं। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार 63,818 लोगों को डिस्चार्ज किया गया है। वहीं खबर आई है कि केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए बड़ा कदम उठाया है और राज्य में भी जीवन रक्षक ऑक्सीजन की सप्लाई तेज कर दी गई है।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा, ‘महाराष्ट्र में बंद किए गए ऑक्सीजन स्रोतों को फिर से शुरू किया गया है। हमारा कोटा चकर 125 और टन कर दिया गया है। केंद्र सरकार से हमारा अनुरोध है कि जामनगर से हमारे 250 एमटी कोटे में कटौती न की जाए। अजित पवार ने महाराष्ट्र के समृद्ध लोगों से अपील की है कि वे कोविड वैक्सीन के लिए भुगतान करें।
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