<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> भारत ने भले ही एलओसी पर शांति सेना के लिए पाकिस्तान के साथ युद्धविराम का समझौता जरूर कर लिया हो, लेकिन अब पाकिस्तान की तरफ से दूसरा खतरा पैदा हो गया है, और वहone है ‘नारको-टेररिज्म’ का। पिछले 24 घंटे में एलओसी से लेकर गुजरात से सटे समंदर में दो ऐसे बड़े मामले सामने आए हैं जिनसे इस बात की तस्दीक होती है कि पाकिस्तान की तरफ से ड्रग्स की स्मगलिंग तेजी से बढ़ गई है और इससे मिलने वाले पैसे का इस्तेमाल करने वाली हिक्की गतिविधियों में किया जाता है। जा सकता था।
भारतीय कोस्टगार्ड के मुताबिक, 14-15 अप्रैल की रात आईएमबीएल यानि अरब सागर में भारत-पाकिस्तान के बीच आंतरिक मायकीन बाबूंड्री लाइन के करीब कोस्टगार्ड ने गुजरात अट्स के साथ मिलकर एक पाकिस्तानी बोट को इंटरसेप्ट किया और उसमें से करीब 30 किलो की नारकोटिक्स- हेरोइन को दूर किया। दरअसल, खुफिया सूचना के आधार पर कोस्टगार्ड और गुजरात एंटी-टेरर स्कॉडरवेड (एटीएस) ने इस साझा ऑपरेशन को अंजाम दिया था। पाकिस्तानी बोट से कोस्टगार्ड ने आठ (08) पाकिस्तानी नागरिकों को भी गिरफ्तार किया है जो पाकिस्तान से इस खेप को गुजरात ले जाने की फिराक में थे। & nbsp;
कोस्टगार्ड के प्रवक्ता के मुताबिक, पकड़ी गई हेरोइन की खेप की कुल कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में करीब 300 करोड़ थी। पकड़ी गई बोट और पाकिस्तान मूल के नागरिकों को गुजरात के जखाऊ बंदरगाह लाया गया है। वहां लाकर ने कड़ी पूछताछ की"पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> आपको बता दें कि इससे पहले 18 मार्च को भी लक्षद्वीप के करीब हिंद महासागर में कोस्टगार्ड ने एक वनंकाई बोट, एसएलबी रविहंसी को बच कर उसमें से लगभग 300 किलो हेरोइन और पांच (05) एके -47 राइफल सहित लगभग 1000 राउंड एम्युनिशेन को किया था। था। कोस्टगार्ड के मुताबिक, ये बॉट भी पाकिस्तान के मजान-तट (बलूचिस्तान) से भारत की समुद्री सीमाओं में दाखिल थे। कोस्टगार्ड के आंकड़ों की मानें तो पिछले एक साल में अलग-अलग भिन्नताओं में लगभग 1.6 टन नारकोटिक्स की खेप (कीमत लगभग 5200 करोड़) अबतक बरामद की जा सकी है।
गौरतलब है कि बुधवार को ही एलओसी से सटे कश्मीर के तंगधार सेक्टर में सेना, बीएसएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक संयुक्त ऑपरेशन में 10 किलो हेरोइन रखने की थी। पुलिस और सेना के जवानों को देखकर स्मगलर इस खेप को एलओसी-फैंस (तारबंदी) के करीब छोड़कर पाकिस्तान की ओर से खड़े हुए थे। तंगधार के करनाह इलाके में इसी जगह पर एक सप्ताह पहले भी 10 किलो हेरोइन बच की गई थी। & nbsp;
कश्मीर मे तैनात भारतीय सेना के एक उच्च पदस्थ अधिकारी के मुताबिक, ये पाकिस्तान का नारको-टेरर मॉडल है। नारको-टेरेरिज्म के माध्यम से पाकिस्तान, कश्मीर और पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों के सामाजिक ताने-बाने को खराब करने की फिराक में है। नारकोटिक्स खेप की बरामदगी से आतंकियों के साथ साथ ड्रग्स-स्मगलर्स के साथ पाकिस्तान की सांठगांठ उजागर हो गई है।
जानकारी के मुताबिक, यह ‘नेक्सस’ (गंठजोड़) को नियंत्रित करने वाले पाकिस्तानी हैंडलर्स को नारको-सप्लाई के बदले पैसे मिलता है, जिसका इस्तेमाल टैगके (पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर) में सक्रिय आतंकी संगठनों को फंडिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है। । भारतीय सेना की मानें तो पाकिस्तानी सेना भी इस नारको-टेरर नेक्सस में एक बड़ी स्टैक-होटर है जो एलओसी पर रहने वाले लोगों को पों-फोडर की तरह इस्तेमाल करती है।
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