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'अभी 8 महीने और लंबा चलेगा किसानों का आंदोलन, 10 मई से फिर तेज होगा प्रदर्शन'

‘अभी 8 महीने और लंबा चलेगा किसानों का आंदोलन, 10 मई से फिर तेज होगा प्रदर्शन’

by Sneha Shukla

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तीन नए कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर पिछले लगभग चार महीने से किसानों का आंदोलन चल रहा है। किसान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं के नजदीक पहुंचने पर बैठकर लगातार प्रदर्शन कर विरोध जता रहे हैं। इस बीच, भारतीय किसान संघ ने कहा कि किसान आंदोलन अभी आठ महीने और लंबा चलेगा।

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने समाचार एजेंसी एएनआई से गुरुवार को कहा कि किसानों का आंदोलन अभी आठ महीने और चल रहा है। उन्होंने कहा- “किसान को आंदोलन करना चाहिए। अगर आंदोलन नहीं होगा तो किसानों की जमीन चली जाएगी। किसान 10 मई तक अपनी गेंहूं की फसल काट लेंगे, उसके बाद आंदोलन तेज गति पकड़ेगी। ”

10 अप्रैल को कुंडली-मानेसर-पलवार एक्सप्रेसवे को जाम कर देंगे

इधर, प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि वे 10 अप्रैल को कुंडली-मानेसर-पलवार एक्सप्रेसवे को जाम करेंगे। साथ ही मई में पैदल संसद मार्च भी करने की योजना बना रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने आने वाले अगले दो ज़िपले की रणनीति की पूरी खबर दी है। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा, मंगलवार को किसान संयुक्त मोर्चा की बैठक हुई है जिसमें इस बात पर फैसला लिया गया है कि वह मार्च में मार्च तक करेंगे। वहीं, उन्होंने बताया कि अभी तारीख तय नहीं हुई है। इस पर अभी चर्चा जारी है और जल्द ही का एलान भी किया जाएगा।

पिछले साल संसद से तीन बार नए कृषि कानून आए हैं

नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के अधिकारों और केंद्र सरकार के बीच अब तक कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकल पाया। पिछले साल सितंबर के महीने में तीन नए कृषि कानून विपक्षी के भारी विरोध के बीच संसद से पास कराए गए थे। इसके बाद से लगातार किसानों को प्रदर्शन जारी करना पड़ता है।

किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार तीनों नए कृषि कानूनों की वापसी के साथ एमएसपी को कानून का हिस्सा बनाए रखे। जबकि सरकार का तर्क है कि इन तीनों नए कानूनों के जरिए कृषि क्षेत्र में सुधार होगा, किसानों की दशा सुधरेगी और उनकी आय में वृद्धि होगी। जबकि, किसानों को डर है कि इन नए कृषि कानूनों के बहाने केंद्र सरकार उन्हें उद्योगपतियों के बनेमोकरम पर छोड़ देगी और एमएसपी व्यवस्था को खत्म कर देगी। हालांकि, सरकार की तरफ से यह बार-बार साफ किया गया कि देश में मंडी व्यवस्था पहले की तरफ बारी रहेगी और किसानों को एसएमपी भी दी जाएगी।

ये भी पढ़ें: किसानों का बड़ा एलान, 10 अप्रैल को करेंगे कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे जाम



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