मंगलवार को ब्रिटेन और भारत ने माइग्रेशन और मोबिलिटी से जुड़े एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य माध्यम के जरिए भारत और ब्रिटेन के बीच संबंध गहरा हो सकेगा। इसको लेकर उचित कदम उठाए जा रहे हैं। विदेश मंत्रालय के अधिकारी संदीप चक्रवर्ती ने बताया कि इस समझौते के तहत सालाना 3 हजार भारतीय युवा पेशेवरों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच व्यापार से संबंधित समझौते भी किए गए हैं।
ब्रिटेन के आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि इसी तरह लोग जो भारतीय यहां आकर रोजगार प्राप्त करते हैं, हम उनका स्वागत करते हैं लेकिन इसी तरह लोग जो अवैध तरीके से यहां रहकर सिस्टम के खिलाफ जाते हैं, उन्हें यहां रहने का कोई हक नहीं है। उन्होंने कहा कि इसी तरह लोगों को जल्द ही यहां से बाहर किया जाएगा। इससे पहले कहा गया था कि 10 हजार भारतीय अवैध तरीके से ब्रिटेन में रह रहे हैं। हालांकि, भारत ने इसका खंडन किया था।
जल्द ही भारत लाए नीरव मोदी और विजय माल्या होंगे
हर साल कम से कम 10 हजार भारतीय रोजगार के अवसर ढूंढने और पढ़ाई करने वाले ब्रिटेन जाते हैं। उनका मानना है कि भारत के ब्रिटेन की तुलना में रोजगार के अवसर बहुत हैं। यहां तक कि उन्हें वहां से आसानी से रोजगार भी मिल जाता है। मंगलवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के बीच ‘भगौड़े’ के कारोबारी नीरव मोदी और विजय माल्या को लेकर भी बातचीत हुई। दोनों कारोबारियों पर फ्रॉड करने के आरोप हैं और दोनों वर्तमान में ब्रिटेन में ही हैं। बातचीत के दौरान दोनों को जल्द ही जल्द ही भारत को सौंपने पर चर्चा हुई। वहीं, जॉनसन ने भी जताते हुए उन्हें जल्द ही भारत को सौंपने का भरोसा दिलाया।
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