मुंबई: मराठा आरक्षण का मुद्दा महाराष्ट्र की सियासत में गरमाता रहा है। इसी तरह मसले पर शनिवार को महाराष्ट्र काउंटर सब कमेटी की बैठक भी हुई। बैठक में तय किया गया कि पीएम और राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इस मामले को हस्तक्षेप करने की अपील की जाएगी।
बैठक में यह भी तय किया गया कि मराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विश्लेषण करने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा जो अपनी रिपोर्ट 15 दिन में करेगा। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि मराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ रिव्यू पिटीशन पर विचार किया जा रहा है।
मराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ समीक्षा याचिका पर विचार किया जा रहा है: महाराष्ट्र के मंत्री अशोक चव्हाण pic.twitter.com/qFq2kENRg5
– एएनआई (@ANI) 8 मई, 2021
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सरकारी नौकरियों और दाखिले में मराठा समुदाय को आरक्षण देने से संबंधित महाराष्ट्र के कानून को खारिज कर दिया था और इसे असंवैधानिक करार दिया था। न्यायालय ने आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत पर तय करने के 1992 के विभाजन के फैसले (इंदिरा साहनी फैसले) को वृहद पीठ के पास भेजने से भी इनकार कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कोटव ठाकरे ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण मामले में जो फैसला सुनाया है, उसे दुख पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर सरकार मराठा समाज के साथ है। सीएम कोटव ठाकरे ने कहा था कि प्रधानमंत्री ने जो हिम्मत अनुच्छेद 370 हटाने के लिए दिखाई थी, उसी तरह साहस मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए दिखाएं। यही मेरा संबंध है।
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