देश में कोरोनाइरस की विकराल दूसरी लहर के बीच केंद्र सरकार ने शनिवार को को विभाजित -19 के इलाज को लेकर कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब मरीजों को अस्पताल में भर्ती करवाए जाने के लिए कोविड -19 की पॉजिटिव रिपोर्ट की जरूरत नहीं होगी। पहले अस्पतालों में भर्ती करवाने के लिए कोविड की पॉजिटिव रिपोर्ट या फिर चूड़ी-स्कैन की जरूरत होती थी।
कोरोना रोगियों को कोविड सुविधाओं में भर्ती करवाने के लिए राष्ट्रीय नीति में संशोधन किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ” कोरोना का सख्त मामला अगर होता है तो उसे सीसीसी, जीएचसी या दोसी वॉर्ड में किया जाना चाहिए। किसी भी रोगी को सेवा देने के लिए इनकार नहीं किया जा सकता है। इसमें ऑक्सीजन या आवश्यक दवाएं भी शामिल हैं, हालांकि केवल रोगी किसी दूसरे शहर का ही क्यों न हो। ”
मंत्रालय ने आगे जानकारी दी कि किसी भी मरीज को इस आधार पर प्रवेश देने से मना नहीं किया जा सकता है उसके पास उस शहर का खैरिड आईडी कार्ड नहीं है, जहां पर अस्पताल स्थित है। अस्पताल में प्रवेश की जरूरत के हिसाब से होगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय COVID रोगियों को COVID सुविधाओं के प्रवेश के लिए राष्ट्रीय नीति में संशोधन करता है; COVID-19 वायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण की आवश्यकता COVID स्वास्थ्य सुविधा में प्रवेश के लिए अनिवार्य नहीं है pic.twitter.com/odbcXo8iI4
– एएनआई (@ANI) 8 मई, 2021
मालूम हो कि देश में कोरोनावायरस की दूसरी लहर तबाही मचा रही है। तकरीबन रोजाना ही कोरोना से जुड़ा कोई न कोई रिकॉर्ड टूट रहा है। देश में एक दिन में कोविड -19 से रिकॉर्ड 4,187 मरीजों की मौत होने के बाद मृतक संख्या 2,38,270 पर पहुंच गई है जबकि 4,01,078 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमण के कुल मामले से 2,18,92,676 हो गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह आए आंकड़ों के मुताबिक 37,23,446 मरीजों का अब भी इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 17.01 प्रतिशत है, जबकि कोविड -19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर घटकर 81.90 प्रतिशत हो गई है। आंकड़ों के मुताबिक बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या 1,79,30,960 हो गई है, जबकि संक्रमण से मृत्यु दर 1.09 प्रतिशत दर्ज की गई है।
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