कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच आंध्र प्रदेश में वायरस का नया तनाव मिला है। यह एपी स्ट्रेन और N440K नाम दिया गया है। सेंटर फॉर सेल्यूलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी) के वैज्ञानिकों का दावा है कि भारत में मौजूदा स्ट्रेन के मुकाबले यह 15 फीसदी ज्यादा खतरनाक है। यह B1.617 और B1.618 के बाद का आया नया वेरिएंट है।
दक्षिण भारत में अब तक कोरोना के 5 वैरिएंट मिल चुके हैं। इनमें एपी स्ट्रेन आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में तेजी से फैल रहा है। इसका असर महाराष्ट्र में भी देखा गया है। सबसे पहले इस स्ट्रेन की पहचान आंध्र प्रदेश के कुरनूल में हुई थी। शाखापट्टनम और राज्य के अन्य हिस्से में लोगों के बीच जो खौफ पैदा हुई थी उसकी वजह ये वैरिएंट हो सकती है।
N440K में ज्यादा मात्रा में वायरस को फैलाने की क्षमता
सीसीएमबी के वैज्ञानिकों ने अध्ययन के दौरान पाया, “कोरोना के N440k वेरिएंट में A2a प्रोटोटाइप स्ट्रेन के मुकाबले 15 गुणा अधिक वायरस फैलाने की क्षमता है। कोरोना का A2acript स्ट्रेन प्रोडक्शन में फैला हुआ है। ऐसे अन्य वायरस की तुलना में कोरोना के N440k। विभिन्न प्रकार के वायरस पैदा करने की क्षमता रखता है।
वैज्ञानिकों ने कई केंद्रों से वायरस का सैंपल इकट्ठा किया है जिससे उनमें से 50 फीसदी में कोरोना का N440k वेरिएंट पाया गया है। इसमें यह भी पता चला है कि यह वायरस आबादी के एक खास हिस्से में फैल रहा है और अन्य वेरिएंट्स के मुकाबले कहीं ज्यादा स्थानीय है।
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