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आईपीएल बायो बबल में कैसे घुसा कोराना वायरस, कहां हुई चूक? जानें खिलाड़ियों ने क्या कहा

by Sneha Shukla

आईपीएल 2021 के लिए बनाए गए बायो बबल में को विभाजित 19 की एंट्री के बाद मंगलवार को बीसीसीआई ने टूर्स को अनिश्चितकाल के लिए विज्ञापन कर दिया। भारत में कोरोना के दूसरी लहर के बीच ये बैनर चल रहा था। आईपीएल 2021 के 29 मैचों के बाद बायो बबल में कोरोना की एंट्री हुई। इसके बाद हर तरफ ये चर्चा छिड़ी हुई है कि आखिर बायो बबल में कोरोनावायरस कैसे पहुंचा।

न्यूज एजेंसी पीटीआई ने आईपीएल में भाग ले रहे कुछ खिलाड़ियों से बातचीत करके ये जानने की कोशिश की बायो बबल में विभाजित 19 के बाद स्थिति क्या थी। उन्होंने बताया कि बबल में कोरोनावायरस की एंट्री के बाद कुछ खिलाड़ियों में डर का माहौल था। कुछ खिलाड़ियों ने बताया कि इस साल का बबल पिछले साल के मुकाबले कमजोर था। आईपीएल 2020 का आयोजन भारत में कोरोना की वजह से यूएई में हुआ था। एक खिलाड़ी ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि यह यूएई में उतना सुरक्षित नहीं था, जहां टूर्नामेंट के दौरान एक भी कोरोना का मामला सामने नहीं आया था। जबकि दौरे शुरू होने से पहले कुछ पॉजिटिव मामले सामने आए थे।

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इस खिलाड़ी ने आगे बताया कि हालांकि टीमों और बीसीसीआई ने कठिन जैव बबल बनाने की कोशिश की। लेकिन यूएई में ये ज्यादा मजबूत था। यहाँ आप देख सकते थे कि लोग अलग अलग फ्लैट से आ रहे थे। मैंने देखा कि कुछ पूल का इस्तेमाल भी करते थे। प्रेक्टिस की सुविधाएं काफी दूर थीं। भारतीय अंडर 19 टीम के सदस्य रहे श्रीवत्स गोस्वामी ने बताया कि वे शुरू से ही आईपीएल का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने इस बात का संदेह नहीं है कि किसी खिलाड़ी या सहयोगी सदस्य ने कोविद -19 से जुड़ी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का भुगतान किया है। वो सनराइजर्स हैदराबाद की टीम का हिस्सा थे।

उन्होने आगे कहा कि बबल के अंदर हम लोगों की अच्छी देखभाल हो रही थी। किसी भी खिलाड़ी या सपॉर्ट स्टाफ ने इसका उल्लंघन नहीं किया। लेकिन एक बार वायरस के प्रवेश के बाद, हर कोई सुरक्षित हो गया था। मैं इससे इनकार नहीं करूंगा। खासकर विदेशी खिलाड़ी। आप वास्तव में किसी की मदद नहीं कर सकते। मुझे पता है कि मैं एक अच्छी प्रतिरोधक हूँ खिलाड़ी हूँ। भगवान न करें अगर मैं वायरस से विकृत हो गया हूं, तो मैं ठीक हो जाऊंगा, लेकिन अगर मेरे में लक्षण नहीं दिखा रहे हैं और मेरे वृद्ध माता-पिता पक्षीय हो गए हैं तो क्या होगा? अधिकांश खिलाड़ी डर गए क्योंकि आप नहीं चाहते कि आपका परिवार प्रभावित हो।

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उन्होंने आगे कहा कि जाहिर है कि आप इस बात से बेखबर नहीं थे कि बाहर क्या हो रहा है। जब आप ऑक्सीजन की कमी और अस्पताल में बिस्तर की कमी के कारण लोगों को मरते हुए देखते हैं, तो बुरा लगता है। विदेशियों के लिए ज्यादा सुझाव थे, जब वो सोशल मीडिया में ये सब देखते थे। हम भारतीय खिलाड़ी उन्हें समझाते थे कि चीजें ठीक हो जाएंगी। एक अन्य खिलाड़ी ने बताया कि बाहर क्या हो रहा था, उसके खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ के बीच मतभेद थे। कुछ चाहते थे कि आइपीएल चले, कुछ नहीं। जब कोरोनावायरस ने बबल में प्रवेश किया, तो सबमें बेचैनी थी।

क्रिकेटर से कमेंटेटर बने दीप दासगुप्ता ने आईपीएल के बबल को कमजोर करार देने से इनकार किया, लेकिन कहा कि दिल्ली में मामला बढ़ने के बाद वह नाराज हो गए थे। उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं कहूंगा कि बायो बबल यूएई की तुलना में कमजोर था। हमारी अच्छी तरह से देखभाल हुई और मैंने सुरक्षित महसूस किया। उन्होंने आगे कहा कि जब दिल्ली में मामले बढ़ने लगे तो मैं डर गया था। मैं अपने माता-पिता के लिए चिंतित था जो नोएडा में रहता है। एक अन्य खिलाड़ी ने कहा कि जब टूर्नामेंट शुरू हुआ था, तब बबल काफी मजबूत था, लेकिन इसके आगे बढ़ने के साथ इसमें कुछ कम करना होगा।

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