नई दिल्ली: टीम इंडिया न्यूजीलैंड के खिलाफ 18 जून से विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के लिए ब्रिटेन के दौरे पर जाएगी। इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट मैचों की सीरीज खेलेगी। टीम को इंग्लैंड जाने से पहले 8 दिन बायो बबल में रहना होगा और फिर इंग्लैंड पहुंचने के बाद 10 दिन क्वारंटीन रहना होगा।
डब्ल्यूएच फाइनल और इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरज के लिए तैयार किए गए रोडवेज के बारे में बातचीत करते हुए बीसीसीआई एक अधिकारी ने एएनआई को बताया कि 25 मई से खिलाडियों का 8 दिन का बायो बबल शुरू होगा। इसमें आवाजाही पर प्रतिबंध रहेगा। इस दौरान खिलाडियों का को-डिवाइड -19 टेस्ट किया जाएगा। 2 जून को टीम ब्रिटेन के लिए रवाना होगी और फिर 10 दिन तक क्वारंटीन रहेगी। एक बायो बबल से दूसरे बबल में जाने की वजह से खिलाडी इस दौरान प्रैक्टिस कर सकते हैं। 18 जून से चीन के खिलाफ डब्ल्यूडब्ल्यूई फाइनल शुरू होगा।
परिवार को साथ ले जाने की को इजाजत होगी
टीम का ब्रिटेन दौरा लगभग तीन महीने का होगा और अंतिम पांचवा टेस्ट 14 सितंबर को पूरा होगा। यह लंबी अवधि ही नहीं बल्कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल और ब्रिटेन के खिलाफ टेस्ट सीरीज शुरू होने के बीच में भी लगभग एक महीने का समय होगा। इस कारण टीम के खिलाड़ियों को परिवार को साथ ले जाने की अनुमति होगी।
वैक्सीनेशन पर चल रही बातचीत है
फोकस का एक दूसरा क्षेत्र वैक्सीनेशन भी है। बीसीसीआई अधिकारी ने कहा कि इस मामले में स्पष्टता आने वाली है और समय लग सकता है। उन्होंने कहा “भारत सरकार ने 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए टीकाकरण किया है और खिलाड़ी भी अपनी पहली डोज ले सकते हैं लेकिन दूसरी डोज का भी सवाल है। बीसीसीआई, इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। ताकि खिलाड़ियों को दूसरी यूके में डोज मिल सके। अगर वह यूके सरकार द्वारा अप्रूव नहीं है, तो दूसरी डोज भारत से ली गई वैक्सीन होगी। कुछ समय बाद ही स्प्ष्ट हो पाएगा। “गौरतलब है कि दौरे के दौरान बीसीसीआई ने शुक्रवार को 20 को। सदस्यीय टीम की घोषणा की थी।
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