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इंसानियत जिंदाबाद: प्लाज्मा डोनेट करने के लिए शख्स ने रोजा तोड़ा, कहा- इंसानी फर्ज निभाया, पढ़ें वायरल स्टोरी

by Sneha Shukla

एक ओर जहां क्रूर कोरोना के दर पर इंसानियत भी दम तोड़ दे रही है, वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे भी लोग हैं जो अपने धर्म और इबादत को दरकिनार कर मानवता का फर्ज खेल रहे हैं। कोरोनावायरस ने भारत सहित पूरी दुनिया के नाक में दम कर दिया है। चारों ओर लोग खुद को और अपनों को बचाने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं। लेकिन कुछ लोग अब भी ऐसे हैं जो धर्म की सीमाओं से परे इंसानियत का फर्ज खेल रहे हैं और दूसरों की जान बचा रहे हैं। रेज के उदयपुर के रहने वाले अकील मंसूरी नामक शख्स ने रोजा तोड़कर मानवता धर्म को प्लेया है और दो महिलाओं को प्लॉट डोनेट किया।

दरअसल, 32 वर्षीय अकील मंसूरी पाक महीने रमजान में बुधवार को रोजा तोड़कर दो महिला कोरोना रोगियों को मलद्वार में रखा जाता है। मंसूरी पिछले साल सितंबर में कोरोनावायरस से ठीक हुए थे। जब अकील को सोशल मीडिया के द्वारा पता चला कि 36 वर्षीय निर्मला और 30 वर्षीय स्कूल को प्लॉट की जरूरत है तो वह तुरंत अस्पताल पहुंचे और खुद प्लॉन दान करने के लिए आगे आए।

टीओआई की खबर के मुताबिक, उदयपुर के पेसिफिक अस्पताल में निर्मला चार दिन से और अलका दो दिन से भर्ती थीं। दोनों महिलाओं को योजना की जरूरत थी। सोशल मीडिया से जानकारी मिलने के बाद प्लोस देने आए अकील जब अस्पताल पहुंचे तो यहां डॉ। उन्हें टेस्ट टेस्ट के लिए ले गए और वहां उन्हें प्लॉट डोनेट करने के लिए बिल्कुल उपयुक्त पाया गया।

इसके बाद प्लॉट डोनेट करने से पहले डॉक्टर ने अकील को कुछ खाने को कहा। जब उन्हें पता चला कि भूके पेट मल डोनेट नहीं कर रहे हैं तो अकील ने अल्लाह से माफी मांग कर अस्पताल में ही अपना रोजा तोड़ा और इस तरह से दोनों महिलाओं की जान बचाई। प्लान दान करने के लिए रोजा तोड़ने वाला अकिल जरा भी नहीं झिझक।

उन्होंने कहा, मैंने अपना इंसानी फर्ज प्लेया, मुझे कोई गिला नहीं। मैं अल्लाह से दुआ करूंगा कि दोनों महिलाएं ठीक हो जाएं। बता दें कि अकील 17 पर ब्लड डोनेट कर चुके हैं और जब से कोरोना से ठीक हुए हैं, तीन बार प्लॉट भी डोनेट कर चुके हैं।

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