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उन्नावः कोरोना काल में दफन किए शवों को नोंचते दिखे कुत्ते, सीमा विवाद में उलझे प्रशासनिक अधिकारी

उन्नावः कोरोना काल में दफन किए शवों को नोंचते दिखे कुत्ते, सीमा विवाद में उलझे प्रशासनिक अधिकारी

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> उन्नाव: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में मानवता को शर्मसार करने वाली खबर सामने आ रही है। यहां संक्रमण काल ​​में गंगा धारा में दफन किए गए सैकड़ों शवों को कुत्ते कब्र में गढ्डा कर नोंच रहे हैं। जिला प्रशासन की इस बड़ी लापरवाही को जब मीडिया ने तबसे शासन में हड़कंप मच गया और उन्नाव के अफसरों से मामले की तत्काल रिपोर्ट सीएम के टास्करी से तलब की गई।

गंभीरता के अधिकारी अधिकारी

जिसके बाद अधिकारी हरकत में आया नाकामी को छिपाने में जुट गया। डीएम उन्नाव ने एसडीएम बीघापुर से रिपोर्ट तलब की वहीं सुबह से ही एसडीएम के अलावा एसडीएम बिंदकी ने पुलिस बल के साथ बक्सर गंगा घाट पर डेरा जमा दिया। अश्रद्धा के मामले में. एसडीएम बिंदकी ने बाकायदा मैप्स के साथ शव दफनाए जाने कासिंघान किया है & nbsp;

एसडीएम बीघापुर ने दावा किया कि शव दफनाए जाने वाला स्थल फतेहपुर जिले की बिंदकी तहसील में आता है। जिससे यह स्थान बिंदकी सीमा में आता है। ट्विन बैड उन्नाव कुमार ने वर्धमान के लिए आधुनिक तरीके से रोक दिया है।.. . . . . . . . . . तो ढोने के लिए . . . . . . . . . . . . तो . . वैसे तो वैसे ही . . . . . . . . .तो.तो.तो.””’ किसी भी स्थिति में ️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ वहीं कोई व्यक्ति शव को नहीं दफना सके इसके लिए पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई है।

गंगा के बीचोबीच शरीर को बलिदान करना

दरअसल कोरोना काल में प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे उन्नाव जिले के गंगा नदी के बक्सर घाट पर सैकड़ों गोताखोर को बालू में ही दफन कर दिया गया, गंगा के बीचोबीच में भी शवों को दफना दिया गया है, लेकिन जिला प्रशासन ने इसका सुध तक किया। नहीं ली। बुधवार को जब शवों को कुत्तों के द्वारा नोंचे जाने की वीभत्स तस्वीरें सामने आईं तो गुरुवार सुबह से ही उन्नाव और फतेहपुर के प्रशासनिक अफसर व पुलिस अधिकारियों के प्रबंधन में जुट गए।

पुलिस ने घाट पर बालू में दबे 175 शवों से कफन हटवा दिया, इसके साथ ही शवों पर बालू डलवाकर अपनी लापरवाही पर पर्दा डालने का काम किया है। जबकि अफसरों को इस बात की थोड़ी भी चिंता नहीं है कि शवों का ठीक से अंतिम संस्कार नहीं किया गया तो महा महा फैल फैल सकता है। & nbsp;

लकड़ी से जलाकर अंतिम संस्कार

उन्नतनाव रविंद्र कुमार व्यवहार में और रात के समय बीघापुर s बैट शंकर वाव को वस पर जाँच करें I’ वहीं गुरुवार सुबह 7 बजे फतेहपुर जनपद की एसडीएम बिंदकी प्रियंका ने अपने राजस्व विभाग के अधिकारियों और पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल शुरू की। सुबह 11 बजे तक अधिकारी पद पर तैनात रहते थे। एसडीएम बिंदकी ने मैप्स की मदद से शव दफनाए गए स्थान कासिंघान किया। ऐसे में एक बड़ा सवाल उठाता है कि शवों का अंतिम संस्कार प्रक्रिया जरूरी थी, या सीमा विवाद, वर्तमान में एसडीएम बिंदकी ने कुछ भी बताने से इंकार कर आगे बढ़ गई।

एस बीघापुर के हिसाब से बैठने वाले व्यक्ति ने जांच की थी। शरीर में कोई भी नहीं है। एसडीएम ने दो टूक घाट पर मिले मंजर को नकार दिया और सब ठीक होने का दावा करते नजर आए। तेज गति से चलने वाली बीमारी पर रोक लगाने की स्थिति में होने पर यह रोग पर रोक लगाने की स्थिति में होता है। ️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️️ है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है। अब शव का जल से जलाकर अंतिम संस्कार होगा।

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