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एंटीलिया कांड: तीन महीने की जांच में NIA ने की 5 गिरफ्तारियां, पर अभी भी कई सवालों के नहीं मिले जवाब

एंटीलिया कांड: तीन महीने की जांच में NIA ने की 5 गिरफ्तारियां, पर अभी भी कई सवालों के नहीं मिले जवाब

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> मुंबई: मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास विस्फोटकों से लदी कार ढेर करने के मामले और कार के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या के आरोप की जांच कर रहे एनआईए अब तक मामले का पूरी तरह से गुत्थी सुलझा नहीं पाया है। । ऐसे कई महत्वपूर्ण सवाल हैं, जिनके जवाब अब तक ये जांच एजेंसी हासिल नहीं कर सकी है। इस मामले में 5 गिरफ्तारियों के बावजूद तहकीक किसी भी दिशा में आगे नहीं बढ़ रहा है। & nbsp;

एनआईए ने इस मामले में अब तक जिन 5 लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें 4 पुलिसकर्मी हैं। एक शख्स नरेश गौर सट्टेबाज है। गिरफ्तार पुलिसकर्मियों में सबसे बड़ा नाम सचिन वाजे है, जो मामले की जांच एनआईये के हाथ आने से पहले खुद इस मामले का जांच अधिकारी था। उसी की टीम में काम करने वाले अधिकारी रियाज काजी को भी एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया। मुंबई क्राइम ब्रांच में काम करने वाले एक और अधिकारी सुनील माने को भी पकड़ा गया है। इन तीनों के अलावा फर्जी एनकाउंटर में सस्पेंड हुए कॉन्स्टेबल विनायक शिंदे को गिरफ्तार कर लिया गया।

गिरफ्तार लोगों में कुछ पर विस्फोटकों से लदी स्कॉर्पियो कार एंटीलिया के पास पार्क करने का आरोप है, तो कुछ पर कार के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या कर उसकी लाश रेतीबंदर की खाड़ी में फेंक देने का। गिरफ्तारियां तो हो गई हैं, लेकिन 3 महीने बाद भी कई सवालों के जवाब मिलने बाकी हैं। & nbsp;

पहला सवाल ये कि जो जिलेटिन स्टिक स्कॉर्पियो कार से बरामद हुईं उन्हें कौन लाया था और कहां से लाया था? क्या एनआईए को इसकी जानकारी है? अगर जानकारी है तो जिलेटिन सप्लाई करने वाला शख्स अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है? क्या उस शख्स का नाम नहीं पता चला है या अगर नाम पता चला है तो उसे गिरफ्तार न करने का कोई दबाव है … या फिर नाम पता चल रहा है, लेकिन वह इतना शातिर है कि उसके खिलाफ सबूत नहीं मिल रहे हैं। & nbsp;

सेकेंडरीज़ गुत्थी में जैश उल हिंद नाम के कथित आतंकी संगठन की ओर से प्रेषित भरा ईमेल ईमेल है। पहले टेलीग्राम नाम के एप पर संदेश आता है जिसमें अंबरी परिवार को वसूली के लिए दृढ़ दी जाती है। फिर उसी संगठन के नाम से दूसरा ईमेल आता है जो कि पहले ईमेल को फर्जी बताता है और कहता है कि जैश उल हिंद की ओर से पैसों की कोई मांग नहीं की गई है। अब तक ये बात सामने नहीं आई है कि ये ईमेल किसने भेजे थे और किसके कहने पर भेजे थे। & nbsp;