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ब्रिटेन ने एस्ट्राजेनेका कोरोनावायरस वैक्सीन का बच्चों पर किया जाने वाला ट्रायल रोक दिया है। इस टीके को बनाने में सहयोग करने वाली ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि ब्रिटेन की दवाई एजेंसी जब तक वैक्सीन के इस्तेमाल से ब्लड क्लॉटिंग की संभावना का आंकलन नहीं कर लेती, तब तक परीक्षण नहीं किया जाएगा। हम एमएचआरए, (ब्रिटेन के मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी) द्वारा वैक्सीन के इस्तेमाल से खून का थक्का जमने की क्षीण संभावना पर अतिरिक्त जानकारी मिलने का इंतजार करेंगे।
एस्ट्राजेनेका वैक्सीन से ब्लड क्लॉटिंग की समस्या!
एस्ट्राजेनेका वैक्सीन लेने के बाद ब्रिटेन में 30 लोगों में ब्लड क्लॉटिंग की समस्या पाई गई थी। इसके कारण 7 लोगों की मौत भी हो गई थी। हालांकि ब्रिटेन की दवा कंपनी एजेंसी MHRA ने कहा है कि इस वैक्सीन के खतरे की तुलना में इसके फायदे अधिक हैं। पूरी दुनिया में कई स्वास्थ्य एजेंसियों की नज़र इस बात पर है कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन से ब्लड क्लॉटिंग की संभावना किस हद तक है। यूरोप और हमलों में वैक्सीनेशन के बाद रक्त में खून के थक्के जमने के कई मामले प्रकाश में आए थे।
लगभग 2 करोड़ लोगों को लगाई जा चुकी है एस्ट्राजेनेका वैक्सीन
ब्रिटेन में अब तक 3 करोड़ से ज्यादा लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाई जा चुकी है। इसमें से लगभग 1.8 करोड़ लोगों को एस्ट्राजेन्का की वैक्सीन लगाई गई है। वैक्सीन लगाए जाने के बाद विटेक में कोरोना की स्थिति में काफी सुधार भी दिखाई दिया है। यहां चेतों की संख्या के साथ-साथ कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या में भी कमी आई है।
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