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ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स कितनी तरह के होते हैं? जानिए कैसे करता है काम ?

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स कितनी तरह के होते हैं? जानिए कैसे करता है काम ?

by Sneha Shukla

भारत में प्रतिदिन कोरोना के रोगियों की संख्या बढ़ रही है। अब ये वायरस गांव-देहात तक पैर पसार चुका है। ऐसे अस्पतालों, बेड और ऑक्सीजन की किल्लत हो रही है। अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से कई लोगों की मौत हो रही है। ऑक्सीजन सरकार की ओर से ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने की लगातार कोशिश की जा रही है। लेकिन अभी भी बहुत लोगों को ऑक्सीजन सिलिंडर नहीं मिल पा रहा है। इस बीच कई लोग ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर से काम चला रहे हैं। कोरोनावायरस सीधी आपकी लंग्स पर अटैक कर रही है ऐसे में बहुत लोगों को सांस की परेशानी हो रही है।

लोगों की इस बढ़ती परेशानी की वजह से ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर की भी डिमांड काफी बढ़ गई है। हालांकि बहुत सारे लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है। आज हम आपको ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को लेकर जानकारी दे रहे हैं। ये कैसे काम करता है और कैसे तरह का होता है।

ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर क्या है?
ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर एक उपकरण है जो एंबियंट एयर से ऑक्सीजन को फिल्टर करता है। अगर किसी मरीज का ऑक्सीजन लेवल 90-94 प्रतिशत है तो आप ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर से सांस ली जा सकती है। इससे आपको सांस लेने में तकलीफ नहीं होगी।

ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर कैसे काम करता है?
बता दें कि वातावरण में सिर्फ 21 प्रतिशत ऑक्सीजन होती है। बाकी 78 प्रतिशत नाइट्रोजन और 1 प्रतिशत दूसरा गैस होता है। अब ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर हवा से सिर्फ ऑक्सीजन को फिल्टर करता है और दूसरे गैस को वापस छोड़ देता है। इससे मरीज को 90-95 प्रतिशत ऑक्सीजन मिल सकता है।

ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर की जरूरत कब है?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर ऑक्सीजन लेवल 90-94 प्रतिशत होने पर ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर से सांस लेने में मदद मिल सकती है, लेकिन ऑक्सीजन लेवल इससे नीचे जाने पर आपको तुरंत हॉक्सिपट में एडमिट होने की जरूरत है। 90 प्रतिशत से नीचे ऑक्सीजन लेवल पहुंचने पर ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर से आराम नहीं मिलेगा।
ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर और ऑक्सीजन सिलिंडर में अतंर

ऑक्सीजन सिलिंडर में मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन होता है। जिसमें लगभग 99 प्रतिशत कंसेंट्रेटेड ऑक्सीजन होता है। इसमें मौजूद एयर प्रेशराइज्ड होता है। इससे मरीज को एक्स्ट्रीमली हाई फ्लो रेट में ऑक्सीजन सप्लाई होती है। एक ऑक्सीजन सिलिंडर से एक मिनट में लगभग 15 लीटर तक ऑक्सीजन सप्लाई होती है। यह रिफिल करने वाला होता है।
वहीं ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर 24×7 ऑपरेटर हो सकते हैं। लेकिन ये प्रेशराइज्ड ऑक्सीजन नहीं दे पाते हैं। इससे 1 मिनट में सिर्फ 5-10 लीटर ऑक्सीजन ही सप्लाई हो सकती है। इसलिए गंभीर रूप से बीमार रोगियों के लिए ये उपयुक्त नहीं है।

किस तरह के होते हैं ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर?

बाजार में आपको दो तरह के ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर मिल जाएंगे-

1- होम ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर- इसे आप घर में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ये कंसेंट्रेटर्स बिजली से काम करते हैं। उन्हें संचालन के लिए वॉल सॉकेट से पावर चाहिए। इस तरह के कंसेंट्रेटर्स पोर्टेबल कंसेंट्रेटर्स के मुकाबले ज्यादा ऑक्सीजन उपलब्ध हैं। इसलिए गंभीर स्थिति के लिए उन्हें बहुत अच्छा ऑप्शन माना जाता है।

2- ऑक्सीजन ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर- उन्हें कहीं भी ले जा सकते हैं। उन्हें संचालन करने के लिए वॉल सॉकेट से लगातार पावर की जरूरत नहीं पड़ती है। ये इन-बिल्ट बैटरी होती है। एक बार पूरी तरह से चार्ज करने के बाद ये 5-10 घंटे तक काम करता है। हालांकि इसमें ऑक्सीजन का फ्लो लिमिटेड रहता है। यह गंभीर रोगी के लिए उचित नहीं माना जाता है।

ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर समय विशेष चीजों का रख रखता है
आपको ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर समय कैपेसिटी का ध्यान रखता है। ये अलग-अलग साइज के होते हैं। होम ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स 5L और 10L कैपेसिटी में मिलते हैं। कोशिश करें कि ज्यादा ऑक्सीजन कंसंट्रेशन लेवल वाले कंसेंट्रेटर ही रहें। बाजार में 40 हजार से 1 लाख के बीच इनकी कीमत है।

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