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ऑक्सीजन किल्लत पर दिल्ली HC में आज सुनवाई का 15वां दिन, केंद्र को शो कॉज नोटिस पर देगा जवाब

ऑक्सीजन किल्लत पर दिल्ली HC में आज सुनवाई का 15वां दिन, केंद्र को शो कॉज नोटिस पर देगा जवाब

by Sneha Shukla

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना के बढ़ते मामलों, अस्पताल में बिस्तर की कमी, ऑक्सीजन की किल्लत और दवाइयों की कमी जैसे अलग-अलग मुद्दों पर दिल्ली हाईकोर्ट में आज भी परीक्षण जारी रहेगा। दिल्ली हाईकोर्ट में लगातार चल रही सुनवाई का आज 15 वां दिन है। आज होने वाली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को हाईकोर्ट द्वारा मंगलवार को जारी किए गए शो कॉज नोटिस पर अपना जवाब देना होगा।

शो कॉज नोटिस जारी करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि क्यों ना दिल्ली को उसकी मांग के मुताबिक ऑक्सीजन ना देने के मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ कोर्ट की अवमानना ​​के तहत कार्रवाई की जाए। इसके अलावा आज केंद्र सरकार को कोर्ट ने यह भी बताना होगा कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली में सेना के सहयोग से अस्पताल और अन्य सुविधाओं को स्थापित करने के लिए जो मदद मांगी है, उस पर केंद्र सरकार का क्या रुख है।

“आप शुतुरमुर्ग की तरह जमीन में मुंह छुपा सकते हैं, हम नहीं”
इससे पहले मंगलवार को ही परीक्षण के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को दिल्ली को उसकी मांग के मुताबिक ऑक्सीजन ना देने के मुद्दे पर कड़ी फटकार भी लगाई थी और टिप्पणी भी की थी। कोर्ट ने इस दौरान यहां तक ​​कह दिया था कि केंद्र सरकार वर्तमान में शुतुरमुर्ग की तरह जमीन के नीचे मुंह छुपा कर रह सकती है लेकिन कोर्ट नहीं। क्योंकि ऑक्सीजन की कमी से लोगों की जान जा रही है और केंद्र सरकार छोटी-छोटी बातों में फंसी हुई है। इन सब के बीच दिल्ली को जितनी ऑक्सीजन की जरूरत है, वह आज तक नहीं मिल पाई है।

दिल्ली हाईकोर्ट में लगभग 4 घंटे की सुनवाई के बाद जो आदेश है, उसमें केंद्र सरकार को प्रकरण फटकार लगाते हुए कहा कि हमको जानकारी मिली है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद अभी तक केंद्र सरकार दिल्ली को उसकी मांग के अनुसार 700 मिलियन टन ऑक्सीजन नहीं है मुहैया करा रही है। इतना ही नहीं केंद्र सरकार दिल्ली को एक दिन भी उसके पहले के कोटे 490 टन टन के मुताबिक भी ऑक्सीजन नहीं मुहैया करा पाए।

केंद्र सरकार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने कहीं पर भी 700MT ऑक्सीजन देने की बात नहीं कही है। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि हम केंद्र की उस दलील से इत्तेफाक नहीं रख रहे हैं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली सरकार की जरूरत है कि हेको ऑक्सीजन मुहैया कराई जाए। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में दिल्ली सरकार की भविष्यवाणी की जरूरत 976 करोड़ टन का भी जिक्र किया है।

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