हमेशा जम्मू-कश्मीर का राग गाने वाले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी अपने एक बयान पर बुरी तरह घिर गए हैं। दरअसल, कुछ दिन पहले एक पाकिस्तानी चैनल को दिए इंटरव्यू में कुरैशी ने अनुच्छेद 370 को भारत का आंतरिक मामला बताया था। उनके इस बयान के बाद से ही पाकिस्तान में विपक्षी पार्टियां उनकी खूब आलोचना कर रही हैं। नौबत यहाँ तक चली गई कि कुरैशी को अब निकासी देनी पड़ गई है। सोमवार को कुरैशी ने ट्वीट किया कि जम्मू-कश्मीर कभी भी भारत का आंतरिक मामला हो ही नहीं सकता है।
क्या कहा था कुरैशी ने?
सोशल मीडिया पर कुरैशी के इंटरव्यू का जो वीडियो शेयर किया जा रहा है उसमें वह कह रही हैं कि अनुलेखेड 370 के हटने से कोई परेशानी नहीं है। 370 पाकिस्तान के लिए अहमियत नहीं रखता है। उन्होंने कहा कि यह भारत का महत्वपूर्ण मामला है। हालांकि, कुरैशी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि हरियाणा में 35 ए हटाने पर पर आपत्ति है, क्योंकि भारत के लिए जनसांख्यिकी में बदलाव कर सकते हैं।
दो वर्षों के बाद, विदेश मंत्री कुरैशी ने अनुच्छेद 370 का अर्थ पाकिस्तान के लिए कुछ भी नहीं है। “यह भारत का आंतरिक मुद्दा है।” pic.twitter.com/FFp2i7l7VT
– नैला इनायत (@nailainayat) 7 मई, 2021
अब क्या बोले कुरैशी?
कुरैशी ने ट्वीट किया, ‘मैं साफ कर दूं कि जम्मू और कश्मीर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे में आंतरिक विवाद हो गया है।]इसका समाधान तब निकल सकता है जब संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमतस प्रकाशनह बनाया जाए। जम्मू-कश्मीर से जुड़ा कोई भी मसला भारत का गंभीर मामला नहीं हो सकता है। ‘
मुझे स्पष्ट होने दें: जम्मू और कश्मीर एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विवाद है @ यूं सुरक्षा परिषद का एजेंडा। विवाद का अंतिम निपटारा निहित है # यूएनएससी संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में मुक्त और निष्पक्ष जनमत के लिए संकल्प का आह्वान J & K के बारे में कुछ भी भारत का आंतरिक मामला नहीं हो सकता है।
– शाह महमूद कुरैशी (@SMQureshiPTI) 10 मई, 2021
अपने ही देश में हुआ विरोध
कुरैशी के बयान को लेकर पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों ने हतौबा मचा दी है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग के नेता और पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ के प्रवक्ता मोहम्मद जुबैर ने कहा कि कुरैशी का बयान कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के ऐतिहासिक रुख से यू-टर्न लेने जैसा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर को हमेशा विवादित क्षेत्र मानता आया है लेकिन कुरैशी के बयान से ऐसा लग रहा है कि उन्होंने पाकिस्तान के रुख से यू-टर्न मार लिया है।
बता दें कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटा दिए थे और इसे केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया था। संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष स्वायत्तता मिली थी। वहीं, 35 ए जम्मू-कश्मीर राज्य विधानमंडल को स्थायी निवासी परिभाषित करने और उन नागरिकों को अधिकार देने का अधिकार देता है।
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