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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शनिवार को असम के चबुआ रैली के दौरान खुद को चाय वाला कहने पर कांग्रेस ने उन्हें घेरा है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि एक भी ऐसा प्रमाण नहीं है कि प्रधानमंत्री ने चाय बेची हो। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कांग्रेस नेता ने कहा कि बीजेपी का मतलब बहुत गलत पार्टी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि डिग्री है लेकिन डिग्री भी नहीं मिल रही है।
गौरतलब है कि असम के चबुआ में प्रधान की ओर से शनिवार को वहां के लोगों के बीच गर्वित अपील की गई। उन्होंने कहा कि चाय बागानों के श्रमिकों के दर्द को एक चाय वाला नहीं समझेगा तो कौन समझेगा।
क्या बोले पीएम मोदी?
पीएम ने कहा- मैं आपको यह आश्वस्त करता हूं कि एनडीए सरकार चाय बागान में काम करने वाले श्रमिकों के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास करेगी। पीएम मोदी ने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा- कांग्रेस ने उन हिस्सों के साथ हाथ मिला लिया है जो असम की संस्कृति और विरासत के तौर पर है। असम के हर हिस्से का विकास बीजेपी सरकार की प्राथमिकता है। हम राज्य की संस्कृति और विरासत को सुरक्षित रखने के प्रति संकल्पित है।
उन्होंने कहा- “मुझे यह देखकर दुख हुआ कि जिस कांग्रेस पार्टी ने देश पर 50-55 साल तक राज किया, उसने उन लोगों का समर्थन किया जो भारत की चाय की छवि को बर्बाद कर देना चाहते थे। क्या आप उस पार्टी को माफ करोगे? उन्हें मिलनी चाहिए या नहीं? “
प्रधानमंत्री ने कहा- “असम की चाय को बदनाम करने के लिए तुल्कित सर्कुलेट किया गया। कांग्रेस पार्टी ने उन तुल्कित बनानेवालों का समर्थन किया और उसके बाद असम में वोट मांगने का उसे साहस है। क्या हम इसे भूल सकते हैं?”
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