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काबुल में स्कूल के पास भीषण धमाके में अबतक 50 लोगों की मौत, 100 अन्य घायल

काबुल में स्कूल के पास भीषण धमाके में अबतक 50 लोगों की मौत, 100 अन्य घायल

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के शिया डूब पश्चिमी हिस्से में शनिवार को एक स्कूल के पास हुए बम धमाके में अबतक कम से 50 लोगों की मौत हो गई है। जिनमें कई युवा छात्र शामिल हैं। इसके अलावा 100 अन्य लोग घायल बताए जा रहे हैं। ये अद्यतन जानकारी अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के हवाले से सामने आई है।

अफगान सरकार ने तालिबान ने नागरिकों को निशाना बनाकर किए गए हमले की निंदा की है और इसमें अपना हाथ होने से इनकार किया है। आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक अरियन ने बताया कि शिया बहुल टर्मिन-ए-बारची इलाके में स्थित सैयद अल-शाहदा स्कूल के करीब होने धमाके के स्थान से एकर्न्स के जरिए घायलों को निकाला गया था। अधिकारियों ने मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जतायी है।

एक के बाद एक होने के बाद कई धमाके
इलाके के निवासियों ने बताया कि धमाका बहुत ही रोमांचक था। निवासी नसीर रहीमी ने कहा कि उन्होंने तीन अलग-अलग धमाकों की आवाज सुनी। हालांकि, इस दावे के बारे में आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी। रहीमी ने कहा कि धमाके की तीव्रता को देखते हुए मृतक संख्या बढ़ सकती है। ढाका स्थानीय समय के अनुसार शाम लगभग 4:30 बजे हुआ और उस समय लड़कियां स्कूल से निकल रही थीं।

विस्फोट में घायल हुए 15 साल की एक छात्रा जाहरा ने कहा, ‘मैं अपनी सहपाठियों के साथ थी और हम हम स्कूल से निकल रहे थे, तब एक जबरदस्त धमाका हुआ। 10 मिनट बाद फिर से ढामाका हुआ और चंद मिनट बाद एक और ढाका हुआ। ‘

किसी संगठन ने नहीं ली जिम्मेदारी
तत्काल हमले की जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली है लेकिन पूर्व में इसी तरह शिया बहुल इलाके में हुई यात्राओं की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी। चरमपंथी सुन्नी मुस्लिम समूह ने अफगानिस्तान में मिनक शिया मुस्लिमों के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर रखी है। अमेरिका ने पिछले साल प्रसूति अस्पताल पर हुए हमले के लिए इस्लामिक स्टेट को जिम्मेदार ठहराया था जिसमें कई गर्भवती महिलाओं और नवजातों की मौत हो गई थी।

स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता गुलाम दस्तीगर अन्यायारी ने बताया कि नाराज भीड़ ने एकरेंस पर हमला किया और यहां तक ​​कि स्वास्थ्यकर्मियों की पिटाई भी की। उन्होंने लोगों से सहयोग किया और एकर्न्स को घटनास्थल पर जाने देने की गुहार लगाई। सोशल मीडिया पर आई तस्वीर में इलाके में धुएं का गुब्बार उठता दिखा।

निकटतम अस्पताल में एसोसिएटेड प्रेस के पत्रकार ने 20 शवास को कमरे में रखे हुए देखा जबकि तीन घायल और हमले की चपेट में आए लोगों के परिवार अस्पताल में दिखाई दिए। मुहम्मद अली जिन्ना अस्पताल के बाहर दर्जनों लोग रक्तदान करने के लिए कतार में खड़े दिखाई दिए जबकि कई लोग दीवार पर लगी हुई घाटतों की सूची में अपनों का नाम तलाश करते हुए दिखाई दिए।

पिछले साल भी छात्रों को बनाया गया था निशाना
उसी इलाके में पिछले साल शिया समुदाय को निशाना बनाने वाले शिक्षण संस्थान पर हमला हुआ था जिसमें 50 लोगों की मौत हुई थी। मृतकों में ज्यादातर छात्र थे। इसने यहां पर बचे 2500 से 3000 अमेरिकी सैनिकों की औसत वापसी शुरू होने के कुछ दिन बाद हमला किया। अमेरिकी सैनिकों की वापसी 11 सितंबर तक पूरी हो जाएगी। यह वापसी समन्वयिबान के पुनः पराक्रम होने की आशंका के बीच हो रही है जिसके कब्जे या प्रभाव में लगभग आधा अफगानिस्तान है।

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