Home » कैंसर का पता लगाने की तकनीक में महत्वपूर्ण सफलता, 100 फीसद प्रभावी होने का दावा
कैंसर का पता लगाने की तकनीक में महत्वपूर्ण सफलता, 100 फीसद प्रभावी होने का दावा

कैंसर का पता लगाने की तकनीक में महत्वपूर्ण सफलता, 100 फीसद प्रभावी होने का दावा

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> कैंसर का पतों का पता लगाने में भारतीय जैव प्रौद्योगिक पुरस्कार को असाधारण सफलता मिलने का दावा किया गया है। उम्मीद है कि बीमारी के मूल्यांकन को अप्रत्याशित रूप से तेज कर सकता है, जिससे लाखों लोगों की जिंदगी बच जाएगी। इस साल के अंत तक कारोबारियों की तरफ से हरी झंडी मिलने की उम्मीद है। तकनीक तकनीक वैज्ञानिक विनय कुमार त्रिपाठी और उनके परिवार के नेतृत्व में मुंबई के एपिजेनियर्स बायोटेअरा और सिंगापुर के जार लैब्स ने अपने नतीजों को प्रकाशित किया है। बर्लिन के बाहर समीक्षा पत्रिका में 100 प्रतिशत प्रभावी होने का दावा किया गया है। दोनों कंपनियों के प्रबंधन में डॉ त्रिपाठी के बेटे आशीष और अनीश शामिल हैं। उन्होंने एक न्यूज़ चैनल को बताया कि 1,000 लोगों पर किया गया मानव परीक्षण 25 प्रकार के कैंसर की पहचान करने में सक्षम था और बीमारी के साथ एक सबसे बड़ी चुनौती यानी इलाज के लिए उसके सही समय का पता लगाना हल हो गया। & nbsp;

कैंसर के क्षेत्र में बड़ी तैयारी होने का दावा

आशीष त्रिपाठी ने कहा, "हम इस तकनीक को पहले भारत लाने का इरादा रखते हैं और हमारा भारत वर्ष के अंत तक सामने लाने का है। निश्चित रूप से ये जरूर कुछ है, जिसे पहचानने की जरूरत है और हम देश में सही पक्षों से बात कर रहे हैं।" उन्होंने आगे बताया कि उनकी तकनीक किसी भी प्रकार के कैंसर का पता लगा सकती है। लगभग 180 प्रकार के कैंसर हैं जिनकी जानकारी लोगों को है। 25 का जिक्र किया गया है (पहले प्रकाशित पेपर में) क्योंकि वह कैंसर की संख्या थी जो मानव परीक्षण में शामिल थी। & nbsp;

उनके भाई अनीश त्रिपाठी बताते हैं कि जांच करना बहुत आसान है क्योंकि ये कैंसर के लक्षण प्रकट होने से वर्षों पहले संकेत की पहचान कर सकते हैं। नतीजे आने में वर्तमान समय में 3-4 दिन लग जाते हैं लेकिन प्रगति प्रगति उसे दिनकर 2 दिन कर सकती है। अनीश त्रिपाठी का कहना है कि ज्यादातर जांच या टेस्ट आक्रामक होते हैं, लेय ये बहुत ही साधारण टेस्ट है। आप ब्लड टेस्ट के लिए जाते हैं, ये गैरकानूनी है। आप अपने ब्लड का 5 मिलीलीटर सैंपल देते हैं, और हम उस पर टेस्ट करते हैं।

[tw]https://twitter.com/authoramish/status/1390601793185501189?s=20[/tw]

प्रारंभिक पहचान से समय पर लोगों का इलाज और nbsp;

कीमत के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्न पर उन्होंने कहा, "हम उसे बहुत कम रखने जा रहे हैं। वह कंपनी की नीति है। हम चाहते हैं कि ये टेस्ट हर शख्स को उपलब्ध हों और हम उसे सस्ता चाहते हैं। महत्वाकांक्षा एक ऐसी दुनिया है जहां हम सभी को सिर्फ एचआरसी टेस्ट कराने की आवश्यकता वर्ष में केवल एक बार होगी और हम कैंसर को पहले चरण या उससे पहले पकड़ लेंगे।" आशीष और अनीश मदश्रेष्ठ लेखक अमीश त्रिपाठी के भाई हैं। उन्होंने ट्विटर पर उनकी उपलब्धि को सराहा है। & nbsp;

गर्मियों की शादी के जश्न के लिए आलिया भट्ट की अलमारी से ये 5 एथनिक सूट से इंस्पायर

प्रेग्नेंट महिलाओं को कोविड -19 वैक्सीन लगवानी चाहिए या नहीं? जानिए WHO की सलाह

HomepageClick Hear

Related Posts

Leave a Comment