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कोरोना का असर फेफड़ों पर हुआ है या नहीं? घर पर रहकर ऐसे करें पता

कोरोना का असर फेफड़ों पर हुआ है या नहीं? घर पर रहकर ऐसे करें पता

by Sneha Shukla

कोरोनावायरस का संक्रमण पूरे देश में तेजी से फैल रहा है। हर रोज लगभग 4 लाख से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। लगातार बढ़ रहे केसों की वजह से देश में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से हिल्ड है। लोगों को अस्पतालों में बिस्तर नहीं मिल रहे, ऑक्सीजन की भारी कमी देखने को मिल रही है। ऐसे में मृत्यु का आंकड़ा बहुत तेजी से बढ़ रहा है। हालात इतने खराब हैं कि कई जगहों पर टेस्ट भी नहीं हो पा रहे हैं।

कोरोनावायरस लोगों के लंग्स पर सबसे ज्यादा असर डाल रहा है। ऐसे में जो लोग घर पर होम आइसोलेशन में बनेकर इलाज करवा रहे हैं उनके लिए डॉक्टर्स की ओर से 6 मिनट का वॉक टेस्ट करने की सलाह दी जा रही है। डॉक्टर्स का कहना है कि इस टेस्ट को आप घर पर ही कर सकते हैं। इससे आप अपने स्वास्थ्य और शरीर में ऑक्सीजन के लेवल के बारे में जान सकते हैं।

इससे आपको यह भी पता चल जाएगा कि आपके लंग्स इस वायरस से प्रभावित हो रहे हैं या नहीं। आइये जानते हैं कि ये 6 मिनट वॉक टेस्ट क्या है। कोरोना से सावधान लोगों को सांस की ज्यादा दिक्कत हो रही है। कई लोगों को संक्रमण होने के काफी देर बाद इलाज मिल पा रहा है। ऐसे में उन्हें अचानक कठिनाई महसूस होने लगती है। ऐसे लोगों को घर पर रहने वाले दिन में 3-4 बार ऑक्सीमीटर से अपना ऑक्सीजन सेचुरेशन चेक करना चाहिए।

6 मिनट वॉक टेस्ट क्या है?

डॉक्टर्स का कहना है कि अगर आप घर ही कोरोना का इलाज करवा रहे हैं और आपको डर है कि कहीं ये वायरस आपकी लंग्स को विकृत तो नहीं कर रहा है। तो इसके लिए आप घर पर ही अपने स्वास्थ्य की जांच कर सकते हैं। आपको घर पर 6 मिनट वॉक टेस्ट करना चाहिए। आप सबसे पहले ऑक्सीडमीटर से सेचुरेशन चेक कर लें और फिर 6 मिनट तक बिना रुके सामान्य गति से वॉक करें। अब 6 मिनट के बाद एक बार फिर अपना ऑक्सीजन लेवल चेक करें। अगर ऑक्सीजन का स्तर 3 से 4 डिजिट के नीचे चला जाता है तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है।

जैसे अगर आप पहली बार जब जांच करते हैं तो ऑक्सीमीटर की रिडिंग 95 आती है। अब 6 मिनट तक वॉक करने के बाद चेक करने पर अगर यह घटकर 92 या उससे कम हो जाता है तो आपको प्रदर्शन होने की जरूरत है। ये संकेत देते हैं कि आपके फेफड़े में भी इन्फेक्शन हो रहा है और आपको ऑक्सीजन की कमी हो सकती है। ऐसे लोगों को अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

6 मिनट वॉक टेस्ट नहीं करना चाहिए?

  • अगर आप अस्थमा से पीड़ित हैं तो आपको ये टेस्ट नहीं करना चाहिए।
  • अगर आपकी उम्र 60 से ज्यादा है तो आप 6 मिनट की बजाय 3 मिनट ही इन वॉक टेस्ट करें।
  • इस टेस्ट से ऑक्सीजन की कमी का पता चलता है और सही समय पर रोगी को अस्पतालों में भर्ती करने में मदद मिलती है।

कैसे ऑक्सीजन लेवल बढ़ाते हैं?

डॉक्टर्स की मानें तो अगर किसी को फेफड़े में दिक्कत आ रही हो और उसे तुरंत ऑक्सीजन नहीं मिल पाए, तो आप घर में रहकर भी कुछ उपाय करके ऑक्सीजन लेवल बढ़ा सकते हैं। ऐसे रोगियों को कम से कम 1-2 घंटे पेट के बल लेटना चाहिए। इससे फेफड़े को आराम मिलता है और ऑक्सीजन के लेवल में भी सुधार आता है। आपको जब ऑक्सीजन की कमी महसूस हो रही है तो प्रोन पोजीशन में लेट जाएं।

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