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कोरोना की तीसरी लहर से भी क्या ऐसे ही निपटेगी सरकार ?

कोरोना की तीसरी लहर से भी क्या ऐसे ही निपटेगी सरकार ?

by Sneha Shukla

<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> नई दिल्ली: देश में कोरोना की दूसरी लहर की तबाही अभी थमी भी नहीं है कि वैज्ञानिकों ने तीसरी लहर के आने का ऐलान करके एक नए संकट की चेतावनी दे डाली है। साथ ही अब पूरे लॉकडाउन लगाने का खतरा भी मंडेराने लगा है। ऐसे में सवाल उठता है कि जहां संक्रमण की दूसरी लहर ने ही हमारे पूरे स्वास्थ्य सिस्टम की पोल खोलकर रख दी हो, वहां सरकार ने तीसरी लहर से निपटने की क्या कोई ठोस तैयारी अभी से की है या नहीं? & Nbsp; < पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> सुप्रीम कोर्ट ने भी आज इस पर चिंता जाहिर करते हुए केंद्र सरकार से पूछा है कि इससे सामना का इमरजेंसी प्लान क्या है। लेकिन सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल के जवाबों से तो कोर्ट को भी लगा दिया गया है कि सरकार में बैठे नीति निर्माताओं ने वर्तमान में इसकी कोई मुकम्मल तैयारी नहीं की है। इसकी एक वजह यह भी हो सकती है कि सरकार अभी दूसरी लहर में ही औक्सिजन, बेड व वैक्सीन की कमी को दूर करने में ही अपना सारा जब खपा रही है। लेकिन महामारी के विशेषज्ञ मानते हैं कि दूसरे देशों के अनुभवों से सबक लेते हुए अगर सरकार ने समानांतर तैयारी नहीं की, तो तीसरी लहर और बहुत ज्यादा ख़ौफ़नाक मंशा दिखा सकती है क्योंकि बच्चों पर इसका असर होने की आशंका अधिक है। <। पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> दुनिया के कई देश कोरोना की तीसरी और कुछ चौथी लहर भी झेल चुके हैं लेकिन ऐसा शायद ही कोई मुल्क होगा, जहां के सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को स्वास्थ्य से जुड़ी बुनियादी सुविधाओं के लिए फटकार लगाई हो या अगली लहर की तैयारियों पर उसे कोई जवाब नहीं। -तब किया गया। इससे पता चलता है कि हमारी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है, लिहाजा न्यायाधीश भी उतने ही फिक्रमंद हैं, जैसा कि एक आम इंसान। यही कारण है कि आज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को सरकार से पूछना पड़ा कि "अगर बच्चे गर्भाधान करते हैं तो उसके लिए क्या योजना है?

बच्चे इन प्रभावों में होते हैं तो माँ-बाप कैसे होंगे, अस्पताल में रहेंगे या क्या करेंगे, आखिरकार क्या योजना है? तीसरी लहर के लिए आप मैन पावर कहां से लांगे?" उन्होंने सलाह देने के साथ अंजज में कहा कि "क्या हम ऐसे डॉक्टरों की टीम तैयार कर सकते हैं, जो जेट से इलाज करते हैं। सेकंड वेव को हैंडल करने के लिए मैन पावर नहीं है, तो थर्ड वेव के लिए भी हमारे पास मैन पावर नहीं होगा। क्या हम फ्रेशुई डॉ और नर्स का इसमें इस्तेमाल कर सकते हैं? "

उन्होंने एक और महत्वपूर्ण सवाल उठाया कि आपके पास घर पर बैठे डॉ और नर्स के लिए क्या योजना है? क्योंकि थर्ड फेस में डॉ और नूर तो थक चुके होंगे, फिर क्या करेंगे? कोई बैकअप तैयार नहीं होगा। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि देश में एक लाख डॉ और ढाई लाख नर्स घरों में बैठे हैं, जो तीसरे वेव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इसी तरह से लगभग एक लाख डॉ। NEET परीक्षा का इंतज़ार कर रहे हैं, आपके पास उनके लिए क्या योजना है?"

गौरतलब है कि भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के। विजय राघवन सहित तमाम अन्य विशेषज्ञ तीसरी लहर के बारे में चेतावनी दे चुके हैं। लेकिन यह कब आएगी औऱ पहले व सेक से बहुत अलग होगा, इसकी भविष्यवाणी वैज्ञानिक भी नहीं कर सकते। हां, राघवन ने इतना ज़रूर कहा है & nbsp; कि कोरोना के नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं और तमाम वैज्ञानिक इन अलग-अलग किस्सों & zwj; मों का मुकाबला करने की तैयारी कर रहे हैं। [pstyle=।"पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> विरोलोजिस् & zwj; ट डॉ। वी रवि सहित तमाम वैज्ञानिकों ने आगाह किया है कि कोरोना की तीसरी लहर से बच् & zwj; चों को जाव & zwj; यादा हो सकता है। लिहाजा सरकार की पहली प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि जब तक देश में तीसरी लहर दस् & zwj; तब तक दे, तब तक झा & zwj; यादातर व्यस् & zwj; कों को कोरोना का कम से कम एक टीका लग जाए। वैसे भी बच् & zwj; चों के लिए कोरोना वैक् & zwj; स तैयार करने पर अभी दुनिया के कई देशों में काम चल रहा है। & nbsp;

उनके अनुसार यह केंद्र और राज् & zwj; य सरकारों के लिए मजबूत रणनीति बनाने का समय है। अक् & zwj; ट् ट और दिसंबर के बीच उन् & zwj; हें स्थितियों को संभालने के लिए अभी से तैयारी करनी होगी। जानकारों का मानना ​​है कि तीसरी लहर से सामना में वैक् & zwj; चेशन की अहम भूमिका होगी, लिहाजा जितनी तेजी से बड़ी आबादी का टीकाकरण हो जाएगा, उतनी जा & zwj; यादा जानें बचाई जा सकती हैं। ।

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