<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> नई दिल्ली: इंग्लैंड और सऊदी अरब जैसे देशों से कोरोना काल के इस संकट की घड़ी में मदद मिलनी शुरू हो गई है। इंग्लैंड अगर को विभाजित से लड़ने वाले मेडिकल उपकरण भेज रहा है, तो सऊदी अरब ऑक्सीजन की सप्लाई कर रहा है।
="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> रविवार को दिल्ली स्थित ब्रिटेन के उच्चायोग ने बयान जारी करते हुए बताया कि कोविड के खिलाफ जंग में यूके (यूनाईटेड हांग्जो) भारत को 600 से बहुत अधिक मेडिकल उपकरण भेज रहा है। इन उपकरणों में 495 ऑक्सीजन कंसनट्रेटर्स और 120 वेंटिलेटर शामिल हैं। इसके लिए इंग्लैंड से नौ (09) एयरलाइन कंटनेर्स भारत भेजे जा रहे हैं।
ब्रिटेन की उच्चायोग की प्रवक्ता शैली हेडली के मुताबिक, इन मेडिकल उपकरणों की पहली खेप रविवार को इंग्लैंड से उड़ान भरगी और मंगलवार तक भारत पहुंच जाएगी। माना जा रहा है कि इस सप्ताह तक पूरी खाप भारत पहुंच जाएगी। शैली के मुताबिक, यूके की सरकार लगातार भारत से संपर्क में है और इस मुश्किल की घड़ी में हर संभव मदद करने के लिए तैयार है।
उच्चायोग ने अपने बयान में यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का बयान भी जारी किया। जॉनसन ने कहा कि & ldquo; को विभाजित के खिलाफ जंग में हम भारत के साथ एक दोस्त और पार्टनर की तरह कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। & rdquo;
यूके के साथ साथ सऊदी अरब भी कोरोना के खिलाफ जंग में भारत की मदद करने के लिए आगे आया है। रियाद में भारत के दूतावास ने ट्वीट कर जानकारी दी कि सऊदी अरब ने भारत की अडानी और लिंडे कंपनियों के साथ मिलकर 800 मैट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीन की खेप भारत भेजी है। ये खाप सऊदी अरब से समंदर के रास्ते आ रही है। दूतावास ने ट्वीट के साथ बंदरगाह के करीब ऑक्सीजन टैंकर्स की तस्वीरें भी सांझी की।
आपको बता दें कि इससे पहले फ्रांस ने भी कोरोना के इस संकट की घड़ी में भारत की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है।
Homepage | Click Hear |