[ad_1]
प्रयागराजः उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों पर चिंता प्रकट करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्य सरकार से नाइट कर्फ्यू लगाने की संभावना तलाशने को कहा, ताकि सामाजिक कार्यक्रमों में भीड़भाड़ रोकी जा सके। मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा ने वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश जारी किया।
कोरोना नियमों का पालन करें: न्यायालय
कोर्ट ने कहा, “हालांकि, राज्य सरकार ने कोविद -19 की दूसरी लहर के खतरे से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं, लेकिन देखने में आया है कि राज्य की ओऱ से जारी निर्देश का लोगों द्वारा ढंग से पालन नहीं किया जा रहा है और यह चिंता का विषय है। ” पीठ ने जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों से लोगों का शत प्रतिशत संकाय पहनना सुनिश्चित करने को कहा है।
पंचायत चुनाव में नहीं निकलेंगे जुलुस
अदालत ने कहा, “जिला प्रशासन को यह देखना चाहिए कि पूरे राज्य में किसी भी जगह भीड़ एकत्र ना हो।” पंचायत चुनावों पर पीठ ने कहा कि चुनाव इस तरह से कराए जाएं कि कोई जुलुस ना निकले। अदालत ने कहा कि चाहे वह नामांकन हो, चुनाव प्रचार हो या मतदान हो, हर चरण में को विभाजित -19 के सभी नियमों का पालन किया जाना चाहिए।
अदालत ने कहा, “राज्य सरकार केवल 45 वर्ष की आयु से ऊपर के लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि सभी के लिए टीकाकरण की संभावना तलाशे। वास्तव में घर-घर टीकाकरण का कार्यक्रम तैयार किया जाना चाहिए। ” इस जनहित याचिका पर अगली सुनवाई आठ अप्रैल को होगी।
यह भी पढ़ें:
सऊदी अरब ने उठे कच्चे तेल के दाम, अब भारत उठाने जा रहा है ये कदम
।
[ad_2]
Source link
Homepage | Click Hear |