<पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> देश को बुरी तरह हिला देने वाली कोरोना महामारी के कहर से न्यायपालिका भी अछूता नहीं रह गई है। कोरोना संक्रमण के कारण ना सिर्फ देशभर के कोर्ट का कामकाज प्रभावित हुआ बल्कि इसने जजों और कोर्ट में काम करने वाले अधिकारियों की भी बहुत बड़ी ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कोविद -19 से जान गंवाने वाले न्यायिक बिरादरी के सदस्यों को याद करते हुए गुरुवार को कहा कि 3 हाईकोर्ट के जज और 34 न्यायिक अधिकारियों ने इस महामारी से संघर्ष करते हुए अपनी याचिका स्वीकार की है। <पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> & nbsp;
मौजूद आंकड़ों के मुताबिक हाईकोर्ट के 106 जज और 2 हजार 768 न्यायिक अधिकारी कोरोनाइस पाए गए। हालांकि सीजेआई रमना ने कहा कि 2 प्रमुख हाईकोर्ट का कोरोना आंकड़ा भी नहीं मिला है। & nbsp; & nbsp;
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चीफ जस्टिस रमना ने कहा कि लगभग 800 रजिस्ट्री स्टाफ भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके साथ ही, अलग-अलग समय पर सुप्रीम कोर्ट छह रजिस्ट्रार और 10 एडिशनल रजिस्ट्रार भी कोरोना क्षमताओं में हुए। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यवश सुप्रीम कोर्ट के तीन अधिकारी कोरोना से संघर्ष में अपनी जान गंवा बैठे हैं। & nbsp;
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सीजेआई एनवी रमना ने एक मोबाइल सुविधा शुरू करने के लिए आयोजित कक्षा कार्यक्रम के दौरान कहा कि मेरा दिल उन शोकाकुल परिवारों और परिवारों के संवेदनाओं से भरा हुआ है, जिनके जीवन में इस कोरोना महामारी ने खालीपन पैदा कर दिया है। <पी शैली ="पाठ-संरेखित करें: औचित्य;"> ये भी पढ़ें: देश में कोरोना की बेकाबू अप, लेकिन बेहतर हो रही है रिकवरी पास; ये 9 राज्य में विभाजित -19 केस कम होने से राहत है।
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