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कोरोना से बचाव के लिए ग्रामीणों ने की कड़ी नाकाबंदी,  गांव में प्रवेश किए बिना मंत्री और जिलाधिकारी वापस लौटे

कोरोना से बचाव के लिए ग्रामीणों ने की कड़ी नाकाबंदी, गांव में प्रवेश किए बिना मंत्री और जिलाधिकारी वापस लौटे

by Sneha Shukla

इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के लगभग 7,000 की आबादी वाले ढाबली गांव में कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए ग्रामीणों ने अपने स्तर पर प्रकरण नाकाबंदी के जरिये बाहरी लोगों के प्रवेश पर सख्ती कर रखी है। सख्ती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राज्य सरकार के एक मंत्री और जिलाधिकारी ने अपने दौरे में इस गांव के भीतर प्रवेश नहीं किया और ग्रामीणों की जागरूकता का सम्मान करते हुए वापस लौट गए।

जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर दूर ढाबली गांव में रविवार को सामने आई इस घटना की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं। राज्य के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और जिलाधिकारी मनीष सिंह गांव के प्रवेश द्वार पर लगे बैरिकेड के दूसरी ओर खड़े होकर ग्रामीणों से चर्चा करते नजर आ रहे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि मंत्री और जिलाधिकारी जनता कर्फ्यू (आंशिक लॉकडाउन) के दौरान महामारी की स्थिति का जायजा लेने वाले ग्रामीण क्षेत्रों के दौरे पर गए थे, लेकिन ढाबली गांव में महामारी से बचाव के लिए ग्रामीणों की जागरूकता को देखते हुए बैरिकेड हटवाकर गांव में प्रवेश किया गया। करना उचित नहीं समझा गया और उन्होंने बैरिकेड पर तैनात ग्रामीणों से चर्चा की।

ढाबली गाँव के सरपंच महेश परिहार ने सोमवार को कहा, “कोरोनावायरस संक्रमण के कारण गांव के दो-तीन लोगों की मौत के बाद हमने बाहरी लोगों के प्रवेश पर सख्ती करने के लिए बैरिकेड लगा दिया है। गांव के युवा इस बैजेड पर बारी- बारी से। बारी तैनात होते हैं। वे गांव में घुसने वाले बाहरी लोगों से उनके आने का कारण पूछते हैं। ” सरपंच ने कहा, “हम नाकाबंदी के जरिये अपने गांव को कोरोनावायरस के प्रकोप से बचाना चाहते हैं।”

मुख्यमंत्री ने की तारीफ
इस बीच, प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महामारी से बचाव की जागरूकता के लिए ढाबली के ग्रामवासियों की तारीफ की है। उन्होंने सोमवार को ट्वीट कर कहा, “मैं ढाबली के लोगों के साथ ही उन सभी ग्रामवासियों और नगरवासियों का अभिनंदन करता हूं, जो संकल्पित भाव से को विभाजित -19 के खिलाफ लड़ रहे हैं।”

गौरतलब है कि इंदौर, सूबे में कोविड -19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक लगभग 35 लाख की आबादी वाले जिले में 24 मार्च 2020 से लेकर अब तक महामारी के कुल 1,28,459 मरीज मिले हैं। इनमें से 1,212 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई है।

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